क्या मच्छरजनित बीमारियों से अब मिलेगी राहत? वैज्ञानिकों ने बनाया स्मार्ट सिस्टम

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क्या मच्छरजनित बीमारियों से अब मिलेगी राहत? वैज्ञानिकों ने बनाया स्मार्ट सिस्टम

सारांश

क्या मच्छरजनित बीमारियों का अंत होने वाला है? चीन के वैज्ञानिकों ने एक स्मार्ट सर्विलांस सिस्टम विकसित किया है, जो मच्छरों की गतिविधियों की निगरानी करता है और बीमारी फैलने से पहले चेतावनी देता है। इस नई तकनीक के बारे में जानें और स्वास्थ्य के लिए इसके महत्व को समझें।

Key Takeaways

  • इंटेलिजेंट मॉस्किटो सर्विलांस सिस्टम का विकास
  • मच्छरों की गतिविधियों पर नजर
  • बीमारी फैलने से पहले चेतावनी देने की क्षमता
  • दक्षिण चीन में प्रयोग किया जा रहा है
  • सटीक रोकथाम उपाय सुझाने में सहायक

नई दिल्ली, 11 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। चिकनगुनिया के प्रकोप के बीच, चीन के वैज्ञानिकों ने मच्छरजनित बीमारियों के खिलाफ एक इंटेलिजेंट मॉस्किटो सर्विलांस सिस्टम विकसित किया है। यह नई तकनीक मच्छरों की गतिविधियों पर नज़र रखती है और बीमारी फैलने से पहले चेतावनी देती है, जिससे समय पर उपाय किए जा सकें।

यह तकनीक साउदर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर चेन शियाओगुआंग की अगुवाई में विकसित की गई है। वर्तमान में इसे दक्षिण चीन के ग्वांगडोंग प्रांत की कई बस्तियों में लागू किया गया है। यह सिस्टम यह भी जानकारी देता है कि किस क्षेत्र में कब और कहां दवाई छिड़कनी चाहिए और किन इलाकों में ज्यादा खतरा है।

चेन ने बताया, "पारंपरिक तरीके जैसे मच्छरदानी या सामान्य जाल केवल कुछ खास प्रकार के मच्छरों को पकड़ते हैं, जिससे पूरी जानकारी नहीं मिल पाती। नई तकनीक में दो स्मार्ट डिवाइस एक साथ काम करती हैं। पहली ऑटोमैटिक मॉनिटर, जो इंसान जैसी खुशबू से खून न पीने वाले मच्छरों को आकर्षित करता है, और दूसरी स्मार्ट ओविपोजिशन बकेट्स, जो खून पीकर अंडे देने वाली मादा मच्छरों को पकड़ती हैं।"

इस तकनीक की मदद से मच्छरों की निगरानी पारंपरिक जालों की तुलना में चार गुना ज्यादा प्रभावी हो गई है।

टेस्ट में देखा गया कि पहले ही सप्ताह में यह तकनीक उन क्षेत्रों में मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ने की तत्काल चेतावनी देने में सफल रही और स्वास्थ्य एजेंसियों को सटीक रोकथाम उपाय सुझाए।

चेन ने कहा कि मैन्युअल तरीके से मच्छर पकड़ने में देरी होती थी, जिससे समय पर इलाज संभव नहीं हो पाता था। लेकिन अब क्लाउड-बेस्ड अलर्ट्स के जरिए तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सकती है। इस तकनीक के इस्तेमाल से कुछ क्षेत्रों में वयस्क मच्छरों की संख्या में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है।

यह सिस्टम फिलहाल ग्वांगडोंग के फोशान शहर के कई हिस्सों में लागू किया जा चुका है। प्रोफेसर चेन की टीम का उद्देश्य है कि तकनीक के माध्यम से मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम को और तेज किया जा सके।

इसी दिशा में, हॉन्गकॉन्ग की लिंगनान यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने भी हॉन्गकॉन्ग का पहला लाइव जियोएआई प्लेटफॉर्म तैयार किया है, जो ज्योग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऑफ थिंग्स (एआईओटी) को मिलाकर बनाया गया है। यह प्लेटफॉर्म न केवल मच्छर खतरे की जानकारी देता है, बल्कि आने वाले खतरे की भविष्यवाणी भी करता है।

Point of View

यह नई तकनीक मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम में एक महत्वपूर्ण कदम है। वैज्ञानिकों की मेहनत से विकसित यह सिस्टम न केवल बीमारी के प्रकोप को रोकने में सहायक है, बल्कि यह स्वास्थ्य एजेंसियों को भी सटीक उपाय सुझाने में मदद करेगा। देश के हर कोने में स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए इस तकनीक का उपयोग आवश्यक है।
NationPress
11/08/2025

Frequently Asked Questions

यह स्मार्ट सिस्टम कैसे काम करता है?
यह सिस्टम मच्छरों की गतिविधियों की निगरानी करता है और बीमारी फैलने से पहले चेतावनी देता है।
कहाँ इस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है?
यह वर्तमान में दक्षिण चीन के ग्वांगडोंग प्रांत में लागू किया गया है।
क्या यह प्रणाली प्रभावी है?
हाँ, यह पारंपरिक तरीकों की तुलना में चार गुना अधिक प्रभावी है।
इस तकनीक का क्या लाभ है?
यह स्वास्थ्य एजेंसियों को सटीक रोकथाम उपाय सुझाने में मदद करती है।
क्या यह प्रणाली अन्य स्थानों पर भी लागू होगी?
हां, इस तकनीक को अन्य क्षेत्रों में भी लागू करने की योजना है।