क्या जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी खत्म होने से अफोर्डेबिलिटी और उपभोग में वृद्धि होगी?

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क्या जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी खत्म होने से अफोर्डेबिलिटी और उपभोग में वृद्धि होगी?

सारांश

जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी समाप्ति से उपभोक्ता के लिए बेहतर अफोर्डेबिलिटी और पहुंच का अवसर। जानें कैसे यह कदम बीमा उद्योग और स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करेगा।

Key Takeaways

  • जीएसटी खत्म होने से जीवन और स्वास्थ्य बीमा की अफोर्डेबिलिटी में सुधार होगा।
  • बीमा कंपनियों को अल्पकालिक नुकसान हो सकता है।
  • संशोधित जीएसटी दरों से उपभोक्ताओं को लाभ होगा।
  • स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की उम्मीद है।
  • विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह कदम फायदेमंद होगा।

नई दिल्ली, 8 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। विशेषज्ञों का मानना है कि जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को रेशनलाइज करने से अफोर्डेबिलिटी में महत्वपूर्ण सुधार होगा, जिससे पहुँच मजबूत होगी और त्योहारी सीजन से पहले उपभोग को बढ़ावा मिलेगा।

यह कदम ब्रॉडर जीएसटी रेशनलाइजेशन का हिस्सा है, जिसमें 12 प्रतिशत स्लैब को 5 प्रतिशत के साथ मिला दिया गया और 28 प्रतिशत को 18 प्रतिशत में समाहित किया गया।

स्वास्थ्य और जीवन बीमा अब शून्य कर श्रेणी में डाल दिए गए हैं, जिन पर पहले 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था।

आईसीआरए के अनुसार, जहां पॉलिसीधारकों को कम प्रीमियम का लाभ होगा, वहीं बीमा कंपनियों को अल्पकालिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) अब उपलब्ध नहीं होगा।

इससे विशेष रूप से जीवन बीमा में मार्जिन कम हो सकता है, हालांकि अफोर्डेबिलिटी में वृद्धि से बिक्री में वृद्धि और दीर्घकालिक पहुंच में सुधार की उम्मीद है।

सामान्य बीमा में, रिटेल हेल्थ सेगमेंट के प्रीमियम में कमी आएगी, हालांकि अगर पूरा लाभ दिया जाता है तो स्टैंडअलोन स्वास्थ्य बीमा कंपनियों की लाभप्रदता पर दबाव पड़ सकता है।

रिटेल हेल्थ सेगमेंट का वित्त वर्ष 2025 में उद्योग की ग्रॉस डायरेक्ट प्रीमियम इनकम (जीडीपीआई) में 16 प्रतिशत योगदान था।

आईसीआरए लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और ग्रुप हेड (कॉर्पोरेट सेक्टर रेटिंग्स) जितिन मक्कड़ ने कहा, "स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर शून्य दर से मरीजों की अफोर्डेबिलिटी और पहुँच में वृद्धि होगी। जैसे-जैसे स्वास्थ्य बीमा की पहुँच में सुधार होगा, इसका लाभ अस्पताल क्षेत्र को मिलेगा, जहाँ पिछले कुछ वर्षों में बीमा की बढ़ती पहुँच के कारण मांग में पहले से ही वृद्धि देखी जा रही है।"

उन्होंने आगे कहा कि दीर्घावधि में, यह कदम स्वास्थ्य सेवा को अधिक समावेशी और किफायती बनाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।

विशेषज्ञों ने कहा कि यह कदम जीवन सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा कवरेज को, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए, अधिक किफायती बनाएगा, साथ ही बीमा उत्पादों को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित करेगा और भारत की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करेगा।

रिन्यूबाय के सीईओ और सह-संस्थापक बालाचंदर शेखर ने कहा, "टर्म लाइफ, यूएलआईपी या एंडोमेंट पॉलिसी सहित सभी व्यक्तिगत जीवन बीमा पॉलिसियों पर जीएसटी से खासकर पहली बार बीमा खरीदने वालों और मध्यम आय वाले परिवारों के बीच छूट मिलने से बीमा की पहुँच बढ़ेगी।"

Point of View

यह कहना उचित है कि जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी में संशोधन से न केवल उपभोक्ताओं को लाभ होगा, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को भी मजबूती प्रदान करेगा। यह कदम सरकार की वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
NationPress
08/09/2025

Frequently Asked Questions

जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी खत्म होने से क्या होगा?
यह कदम बीमा प्रीमियम को कम करेगा, जिससे उपभोक्ता के लिए बीमा अधिक सुलभ होगा।
क्या यह स्वास्थ्य सेवा को प्रभावित करेगा?
हां, यह स्वास्थ्य बीमा की पहुँच को बढ़ाएगा और अस्पतालों में मांग को भी बढ़ाएगा।
बीमा कंपनियों पर क्या असर पड़ेगा?
बीमा कंपनियों को अल्पकालिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन दीर्घकालिक लाभ की उम्मीद है।
इस कदम का दीर्घकालिक प्रभाव क्या होगा?
यह कदम स्वास्थ्य सेवा को अधिक सुलभ और किफायती बनाने में मदद करेगा।
क्या वरिष्ठ नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा?
जी हां, यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए बीमा को अधिक किफायती बनाएगा।