क्या डोनाल्ड ट्रंप ने माइक्रोसॉफ्ट की ग्लोबल अफेयर्स हेड लिसा मोनाको को नौकरी से निकालने का आग्रह किया?

सारांश
Key Takeaways
- डोनाल्ड ट्रंप ने लिसा मोनाको को भ्रष्ट बताया।
- मोना को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया।
- ट्रंप ने मोनाको की सिक्योरिटी क्लियरेंस रद्द कर दी।
- माइक्रोसॉफ्ट ने इजरायली सेना के साथ सहयोग सीमित किया।
- एच-1बी वीजा नियमों से अमेरिकी टेक फर्में नाखुश हैं।
नई दिल्ली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने माइक्रोसॉफ्ट से कंपनी की ग्लोबल अफेयर्स हेड लिसा मोनाको को नौकरी से निकालने का अनुरोध किया है। उन्होंने मोनाको को 'भ्रष्ट' और 'अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा' बताया है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म, ट्रुथ सोशल पर कहा कि माइक्रोसॉफ्ट के पास कई सरकारी कॉन्ट्रैक्ट हैं और मोनाको एक महत्वपूर्ण पद पर हैं, जिससे उन्हें संवेदनशील जानकारी तक पहुंच प्राप्त है।
उन्होंने यह भी कहा कि मोनाको पर इस जानकारी की सुरक्षा का भरोसा नहीं किया जा सकता।
ट्रंप ने उल्लेख किया कि उन्होंने पहले ही मोनाको की सिक्योरिटी क्लियरेंस रद्द कर दी है और उन्हें सरकारी संपत्ति में प्रवेश से रोक दिया है।
वर्ज की एक रिपोर्ट में कहा गया है, "इंटेल के सीईओ लिप-बू टैन को अपने इशारों पर नियंत्रित करने और जिमी किमेल को रद्द करने में विफल रहने के बाद, राष्ट्रपति ट्रंप ने बदला लेने के लिए अपना अगला निशाना माइक्रोसॉफ्ट की ग्लोबल अफेयर्स हेड लिसा मोनाको को बनाया है।"
मोनाको मई में माइक्रोसॉफ्ट में शामिल हुई थीं और उन्होंने लंबे समय तक सरकारी सेवा में काम किया है।
रिपोर्ट के अनुसार, वह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अटॉर्नी जनरल मैरिक गारलैंड के कार्यकाल में 39वें डिप्टी अटॉर्नी जनरल के पद पर थीं, जो ट्रंप की नजर में उनका सबसे बड़ा अपराध है।
यह स्पष्ट नहीं है कि ट्रंप ने मोनाको के खिलाफ कार्रवाई के लिए यह समय क्यों चुना, लेकिन ऐसा हो सकता है कि उन्हें अब जाकर माइक्रोसॉफ्ट में उनके रोल के बारे में पता चला हो।
रिपोर्ट में यह भी संकेत दिया गया है कि माइक्रोसॉफ्ट हमेशा ट्रंप के निशाने पर नहीं रहा है, लेकिन हाल ही में कंपनी ने इजरायली सेना के साथ अपने सहयोग को सीमित कर दिया है।
माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी टेक फर्में हाल के एच-1बी वीजा नियमों के कारण कथित तौर पर नाखुश हैं।