क्या सरकार सेमीकंडक्टर मिशन 2.0 शुरू करने की योजना बना रही है?

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क्या सरकार सेमीकंडक्टर मिशन 2.0 शुरू करने की योजना बना रही है?

सारांश

क्या भारत सेमीकंडक्टर मिशन 2.0 के लिए तैयार है? जानिए इस महत्वपूर्ण योजना के बारे में और कैसे यह भारत के तकनीकी क्षेत्र को बदलने में मददगार हो सकता है।

Key Takeaways

  • भारत की सेमीकंडक्टर उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका।
  • 30 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता।
  • सेमीकंडक्टर इंजीनियरों की संख्या।
  • मोबाइल और रक्षा क्षेत्र में चिप्स का महत्व।
  • ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट में भारत का स्थान।

नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने मंगलवार को बताया कि केंद्र सरकार भारत के सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के दूसरे चरण की शुरुआत के लिए तैयार है। पहले चरण के तहत लगभग सभी वित्तीय सहायता पहले ही आवंटित की जा चुकी है।

कृष्णन ने सेमीकॉन इंडिया 2025 में कहा कि आईएसएम 1.0 के लिए धन की व्यवस्था पूरी हो चुकी है और केवल दो से तीन अधूरी परियोजनाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा, "हम आईएसएम 2.0 की तैयारी के अंतिम चरण में हैं, जिसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा।"

उन्होंने बताया कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूती प्रदान करने के लिए लगभग 30 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता की उम्मीद है।

उन्होंने भारत के लाभों पर जोर देते हुए कहा कि भारत हर साल लगभग 11 लाख एसटीईएम स्नातक तैयार करता है और दुनिया के 20 प्रतिशत से अधिक सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियरों को रोजगार देता है।

इसके अलावा, उन्होंने मोबाइल फोन क्षेत्र के तेजी से विकास और अंतरिक्ष व रक्षा क्षेत्र में चिप्स के बढ़ते महत्व को अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को भारत के साथ सहयोग करने के प्रमुख कारण बताया।

इससे पहले, 'सेमीकॉन इंडिया 2025' का उद्घाटन करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया अब भारत पर भरोसा करती है और देश के साथ सेमीकंडक्टर उद्योग का भविष्य बनाने के लिए तैयार है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में अगली पीढ़ी के सुधारों की शुरुआत करेगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लोबल चिप मार्केट में भारत की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया और कहा कि देश एक ट्रिलियन डॉलर के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा, "2021 से स्वीकृत 10 सेमीकंडक्टर परियोजनाओं में 18 अरब डॉलर का निवेश किया जा रहा है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट, जिसका मूल्य पहले ही 600 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जल्द ही 1 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर जाएगा और भारत इसमें एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।

पीएम मोदी ने कहा, "तेल को ब्लैक गोल्ड कहा जाता है लेकिन चिप्स डिजिटल डायमंड हैं। हमारी पिछली शताब्दी को ऑयल ने शेप किया। दुनिया का भाग्य, तेल के कुंओं से तय होता था। तेल के इन कुंओं से कितना पेट्रोलियम निकलेगा, इस आधार पर ग्लोबल इकोनॉमी ऊपर-नीचे होती रहती है। लेकिन 21वीं शताब्दी की शक्ति, छोटी सी चिप में सिमट कर रह गई है। ये चिप भले छोटी सी हैं, लेकिन इसमें दुनिया की प्रगति को बड़ी गति देने की ताकत है।

Point of View

NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

भारत सेमीकंडक्टर मिशन 2.0 क्या है?
यह एक सरकारी योजना है जिसका उद्देश्य सेमीकंडक्टर उद्योग को मजबूत करना है।
इस मिशन के तहत कितनी वित्तीय सहायता दी जाएगी?
इसमें लगभग 30 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
सेमीकंडक्टर मिशन का पहला चरण कब शुरू हुआ था?
आईएसएम का पहला चरण पहले ही शुरू हो चुका है।
भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियरों की संख्या कितनी है?
भारत में 20 प्रतिशत से अधिक सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियर विश्व स्तर पर कार्यरत हैं।
प्रधानमंत्री ने सेमीकंडक्टर उद्योग के बारे में क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने भारत की बढ़ती भूमिका और इसके भविष्य पर जोर दिया।