क्या किसी में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हटाने की हिम्मत है? मंत्री जमीर खान का सवाल

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क्या किसी में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हटाने की हिम्मत है? मंत्री जमीर खान का सवाल

सारांश

कर्नाटक में कांग्रेस के आंतरिक कलह की स्थिति को लेकर बीजेड जमीर खान ने एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया है। क्या कोई मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हटा सकता है? जानिए इस विवाद की गहराई और राजनीतिक समीकरणों को।

Key Takeaways

  • कांग्रेस में आंतरिक कलह बढ़ रही है।
  • बीजेड जमीर खान ने सिद्धारमैया को हटाने का सवाल उठाया।
  • यतींद्र का बयान विवाद का कारण बना।
  • हाईकमान का निर्णय ही अंतिम होगा।
  • कर्नाटक में पार्टी का भविष्य संकट में है।

बेलगावी, 11 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस में आंतरिक विवाद दिन-प्रतिदिन गहराता जा रहा है। आवास एवं वक्फ मंत्री बीजेड जमीर अहमद खान ने यह सवाल किया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हटाने की हिम्मत किसमें है।

सूत्रों के अनुसार, जमीर खान सीएम के करीबी सहयोगी माने जाते हैं और उनकी यह टिप्पणी सिद्धारमैया के खेमे की भावनाओं को प्रकट करती है।

खान ने बेलगावी में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए सीएम सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र के उस विवादास्पद बयान के संदर्भ में यह कहा कि हाईकमान ने किसी भी नेतृत्व परिवर्तन की संभावना को खारिज कर दिया है।

उन्होंने कहा कि यतींद्र ने अपनी व्यक्तिगत राय दी है। अब इस चर्चा को क्यों उठाया जा रहा है? ऐसी चर्चाएं तब होनी चाहिए जब मुख्यमंत्री का पद खाली हो। यह सभी बातें केवल अटकलें हैं। क्या किसी में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बदलने की हिम्मत है? यदि किसी को यह अधिकार है, तो वह केवल हाईकमान के पास है।

मंत्री खान ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दोनों ने बार-बार कहा है कि वे हाईकमान के निर्णय का पालन करेंगे, और यह स्पष्ट किया कि केवल हाईकमान ही कोई बदलाव कर सकता है।

जब उनसे पूछा गया कि क्या सिद्धारमैया पूरे कार्यकाल तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे, तो उन्होंने जवाब दिया कि सिद्धारमैया 2028 तक मुख्यमंत्री रहेंगे। यह मेरी व्यक्तिगत राय है।

इस बीच, वाल्मीकि पीठ के प्रसन्नानन्द स्वामीजी ने कहा कि उन्हें खान के पद पर बने रहने पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि बदलाव किया जाता है, तो किसी दलित नेता को अगला मुख्यमंत्री बनाना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस में कई सक्षम दलित नेता हैं। उन्होंने आगे कहा कि समुदाय सिद्धारमैया के साथ मजबूती से खड़ा है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री कौन बनता है।

वहीं, इडिगा मठ के प्रणवानंद स्वामीजी ने कहा कि उपमुख्यमंत्री शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनना चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो कर्नाटक में कांग्रेस का सफाया हो जाएगा।

सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक में पार्टी के आंतरिक कलह से जुड़े हालिया घटनाक्रमों के बाद कांग्रेस हाईकमान पर फिर से दबाव बढ़ गया है। बेलगावी शीतकालीन विधानसभा सत्र से पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री शिवकुमार द्वारा आयोजित नाश्ते की बैठकों के बाद हाईकमान ने कुछ समय के लिए राहत की सांस ली थी।

हालांकि, दोनों पक्षों से आए नए बयानों - विशेष रूप से सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र के बयान, जिन्होंने यह कहा कि उनके पिता कार्यकाल पूरा करेंगे और हाईकमान ने शिवकुमार की मुख्यमंत्री बनने की मांग को खारिज कर दिया है - ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के भीतर आंतरिक कलह की अटकलों को एक बार फिर बढ़ा दिया है।

Point of View

आंतरिक विवाद उसे कमजोर कर सकते हैं। यह स्पष्ट होना चाहिए कि निर्णय लेने का अधिकार केवल हाईकमान के पास है, और इस पर चर्चा का होना जरूरी है।
NationPress
11/12/2025

Frequently Asked Questions

कर्नाटक कांग्रेस में क्या चल रहा है?
कर्नाटक कांग्रेस में आंतरिक कलह बढ़ती जा रही है, जिसमें मंत्री बीजेड जमीर खान ने सवाल उठाया है कि क्या कोई मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को हटा सकता है।
सिद्धारमैया को हटाने का साहस किसमें है?
बीजेड जमीर खान ने यह सवाल उठाया है, जो यह दर्शाता है कि पार्टी में आंतरिक असंतोष है।
क्या यतींद्र का बयान महत्वपूर्ण है?
हां, यतींद्र का बयान पार्टी की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और आंतरिक कलह को बढ़ा सकता है।
क्या कर्नाटक में कांग्रेस का भविष्य सुरक्षित है?
यदि आंतरिक कलह समाप्त नहीं होती है, तो कांग्रेस का भविष्य संकट में पड़ सकता है।
कौन से नेता इस विवाद में शामिल हैं?
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और मंत्री बीजेड जमीर खान प्रमुख रूप से इस विवाद में शामिल हैं।
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