क्या मोबाइल पर एक घंटे रील्स देखने से आंखें कमजोर हो सकती हैं? नई रिसर्च का खुलासा

सारांश
Key Takeaways
- मोबाइल स्क्रीन पर एक घंटे से अधिक समय बिताने से आंखों में थकान हो सकती है।
- कंटेंट की गुणवत्ता भी आंखों की थकान पर प्रभाव डालती है।
- ब्लू लाइट से आंखों की थकान और नींद में दिक्कत हो सकती है।
- 40 प्रतिशत लोगों ने ब्लू लाइट फिल्टर का उपयोग किया है।
- रील्स के दौरान पलकें कम झपकती हैं, जिससे थकान बढ़ती है।
नई दिल्ली, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। वर्तमान समय में अधिकतर लोग अपना अधिकांश समय स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं, विशेषकर सोशल मीडिया के रील्स, वीडियो और ई-बुक पढ़ने में। हाल ही में एक शोध में यह सामने आया है कि लगातार एक घंटे तक मोबाइल स्क्रीन देखने से आंखों में थकान और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
जर्नल ऑफ आई मूवमेंट रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन में यह पाया गया कि आंखों की थकान केवल इस बात पर निर्भर नहीं करती कि आप कितनी देर तक मोबाइल देख रहे हैं, बल्कि यह भी महत्वपूर्ण है कि आप किस प्रकार का कंटेंट देख रहे हैं।
एसआरएम इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं ने बताया, "किताब पढ़ने या वीडियो देखने की अपेक्षा रील्स से आंख की पुतली में अधिक बदलाव होते हैं।"
शोधकर्ताओं ने चेताया, "यदि आप लगातार 20 मिनट से अधिक समय तक मोबाइल का उपयोग करते हैं, तो इससे आपकी शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसमें मानसिक तनाव जैसी समस्याएं भी शामिल हैं।"
मोबाइल और अन्य डिजिटल उपकरणों से निकलने वाली ब्लू लाइट को लंबे समय तक देखने पर आंखों में थकान, नींद की परेशानी और अन्य देखने से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
एक घंटे तक मोबाइल देखने से आंखों पर क्या प्रभाव पड़ता है, यह जानने के लिए वैज्ञानिकों ने एक सस्ता और पोर्टेबल सिस्टम विकसित किया है, जो आंखों की गतिविधियों को मापता है।
इस सिस्टम ने यह मापा कि एक मिनट में आप कितनी बार पलकें झपकाते हैं, और दो पलक झपकने के बीच का समय क्या है। यह माप 1 घंटे तक मोबाइल पर किताब पढ़ने, वीडियो देखने और सोशल मीडिया रील्स देखने के दौरान किया गया।
शोधकर्ताओं ने बताया, "सोशल मीडिया रील्स में स्क्रीन की रोशनी और चमक लगातार बदलती रहती है, जिससे आंख की पुतली का आकार लगातार सिकुड़ता और फैलता है। इसके परिणामस्वरूप पलकें कम झपकती हैं, जो आंखों की थकान को बढ़ाता है।"
शोध में 60 प्रतिशत लोगों ने लंबे समय तक मोबाइल चलाने के बाद आंखों में थकान, गर्दन में दर्द और हाथों में थकान जैसी समस्याएं अनुभव कीं। वहीं, 83 प्रतिशत लोगों ने मानसिक समस्याएं जैसे चिंता, नींद में दिक्कत और मानसिक थकावट का अनुभव किया। इन परेशानियों को कम करने के लिए 40 प्रतिशत लोगों ने ब्लू लाइट फिल्टर या डार्क मोड जैसे उपाय अपनाए।