क्या फिजियोथेरेपिस्ट मेडिकल डॉक्टर नहीं हैं? अपने नाम के आगे 'डॉक्टर' न लगाएं: डीजीएचएस

Click to start listening
क्या फिजियोथेरेपिस्ट मेडिकल डॉक्टर नहीं हैं? अपने नाम के आगे 'डॉक्टर' न लगाएं: डीजीएचएस

सारांश

फिजियोथेरेपिस्ट्स को उनके नाम के आगे 'डॉक्टर' शब्द का उपयोग न करने का निर्देश दिया गया है। यह निर्देश भारतीय चिकित्सा कानूनों के अंतर्गत दिया गया है। जानें इस मुद्दे की गहराई में।

Key Takeaways

  • फिजियोथेरेपिस्ट को 'डॉक्टर' शब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
  • यह भारतीय चिकित्सा उपाधि अधिनियम का उल्लंघन है।
  • फिजियोथेरेपिस्टों को केवल रेफर किए गए मरीजों का इलाज करने की अनुमति है।

नई दिल्ली, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने एक निर्देश जारी करते हुए फिजियोथेरेपिस्ट से कहा है कि वे अपने नाम के आगे 'डॉक्टर' शब्द का उपयोग न करें, क्योंकि वे मेडिकल डॉक्टर नहीं हैं।

9 सितंबर को लिखे गए एक पत्र में, डीजीएचएस की डॉ. सुनीता शर्मा ने स्पष्ट किया कि यदि फिजियोथेरेपिस्ट अपने नाम के आगे 'डॉ.' लगाते हैं, तो यह भारतीय चिकित्सा उपाधि अधिनियम, 1916 का उल्लंघन होगा।

डॉ. शर्मा ने आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. दिलीप भानुशाली को पत्र में लिखा, "फिजियोथेरेपिस्ट मेडिकल डॉक्टर के रूप में प्रशिक्षित नहीं होते हैं, इसलिए उन्हें 'डॉ.' का प्रयोग नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह मरीजों और आम जनता को गुमराह कर सकता है, जिससे संभावित धोखाधड़ी को बढ़ावा मिल सकता है।"

उन्होंने यह भी कहा, "फिजियोथेरेपिस्टों को प्राथमिक चिकित्सा पद्धति में काम करने की अनुमति नहीं होनी चाहिए और उन्हें केवल रेफर किए गए मरीजों का ही इलाज करना चाहिए, क्योंकि वे चिकित्सीय स्थितियों का निदान करने के लिए प्रशिक्षित नहीं होते हैं। उनकी गलत फिजियोथेरेपी सलाह से समस्या और बढ़ सकती है।"

पत्र में पटना और मद्रास उच्च न्यायालयों द्वारा जारी पूर्व कानूनी घोषणाओं का भी उल्लेख किया गया है, जिनमें फिजियोथेरेपिस्टों को 'डॉ.' शब्द का उपयोग करने से प्रतिबंधित किया गया है।

अप्रैल में, राष्ट्रीय संबद्ध एवं स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय आयोग (एनसीएएचपी) ने घोषणा की थी कि फिजियोथेरेपिस्ट अब अपने नाम के आगे 'डॉक्टर' और आगे 'पीटी' लगा सकते हैं।

यह निर्णय केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एनसीएएचपी द्वारा 2025 फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम के शुभारंभ के एक भाग के रूप में लिया गया है।

डीजीएचएस ने उल्लेख किया कि परिषद की आचार समिति ने पहले यह निर्णय लिया था कि 'डॉक्टर' उपाधि का उपयोग केवल आधुनिक चिकित्सा, आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा के पंजीकृत चिकित्सकों द्वारा किया जा सकता है। नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ को इस उपाधि का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।

पत्र में आगे कहा गया है कि किसी भी उल्लंघन पर आईएमए अधिनियम की धारा 6 और 6ए के उल्लंघन के लिए धारा 7 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

पत्र में कहा गया है, "यह निर्देश दिया जाता है कि फिजियोथेरेपी के लिए योग्यता आधारित पाठ्यक्रम, अनुमोदित पाठ्यक्रम 2025 में फिजियोथेरेपिस्ट के लिए 'डॉ.' उपसर्ग का प्रयोग तत्काल हटा दिया जाए। फिजियोथेरेपी के स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए, मरीजों या जनता को अस्पष्टता पैदा किए बिना, एक अधिक उपयुक्त और सम्मानजनक उपाधि पर विचार किया जा सकता है।"

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी चिकित्सा पेशेवरों के बीच स्पष्टता बनाए रखें। फिजियोथेरेपिस्ट और मेडिकल डॉक्टर के बीच भेद को समझना आवश्यक है ताकि मरीजों को सही जानकारी मिले और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनी रहे।
NationPress
10/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर हो सकते हैं?
नहीं, फिजियोथेरेपिस्ट मेडिकल डॉक्टर नहीं होते हैं और उन्हें अपने नाम के आगे 'डॉक्टर' शब्द का उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
फिजियोथेरेपिस्ट क्या कर सकते हैं?
फिजियोथेरेपिस्ट विशेष रूप से फिजियोथेरेपी में प्रशिक्षित होते हैं और उन्हें केवल रेफर किए गए मरीजों का ही इलाज करना चाहिए।
डीजीएचएस का निर्देश क्यों महत्वपूर्ण है?
यह निर्देश भारतीय चिकित्सा कानूनों का पालन करने और मरीजों को गुमराह करने से रोकने के लिए है।