क्या रेट्स में बदलाव के बावजूद राज्यों को एसजीएसटी में 10 लाख करोड़ और हस्तांतरण से 4.1 लाख करोड़ मिलेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- राज्यों को 10 लाख करोड़ रुपए एसजीएसटी में मिलने की उम्मीद है।
- हस्तांतरण से 4.1 लाख करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।
- रेट रेशनलाइजेशन से राजस्व संग्रह कमजोर नहीं होगा।
- राज्यों को 9.14 लाख करोड़ रुपए का मुआवजा मिला है।
- राज्यों को जीएसटी संग्रह का 70 प्रतिशत हिस्सा मिलता है।
नई दिल्ली, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रस्तावित रेट रेशनलाइजेशन के बावजूद, राज्यों को वित्त वर्ष 26 में जीएसटी संग्रह से शुद्ध लाभ प्राप्त होता रहेगा। उन्हें एसजीएसटी में कम से कम 10 लाख करोड़ रुपए और हस्तांतरण के जरिए 4.1 लाख करोड़ रुपए मिलने की संभावना है। यह जानकारी मंगलवार को एसबीआई रिसर्च की एक रिपोर्ट में दी गई।
यह सब इस कर की अनूठी राजस्व-साझाकरण संरचना के कारण होगा, जिसमें जीएसटी केंद्र और राज्यों के बीच समान रूप से बांटा जाता है। दोनों को संग्रह का 50 प्रतिशत प्राप्त होता है। साथ ही कर हस्तांतरण व्यवस्था के तहत, केंद्र का 41 प्रतिशत भाग राज्यों को वापस किया जाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एकत्रित जीएसटी के प्रत्येक 100 रुपए में से राज्यों को अंततः लगभग 70.5 रुपए मिलते हैं, जो कुल जीएसटी राजस्व का लगभग 70 प्रतिशत है।
यह लाभ तब भी मिलता है जब हम रेट्स रेशनलाइजेशन के कारण होने वाली अतिरिक्त खपत वृद्धि को शामिल नहीं करते। 9.5 प्रतिशत प्रभावी जीएसटी दर पर यह 52,000 करोड़ रुपए के राजस्व लाभ में बदलता है; केंद्र और राज्यों को प्रत्येक 26,000 करोड़ रुपए।
रिपोर्ट में बताया गया है कि जुलाई 2018 और अक्टूबर 2019 में जीएसटी दरों में बदलाव से प्राप्त साक्ष्य दर्शाते हैं कि रेशनलाइजेशन से राजस्व संग्रह कमजोर नहीं होता।
इसके बजाय, साक्ष्य एक अस्थायी समायोजन चरण के बाद मजबूत इनफ्लो की ओर इशारा करते हैं। हालांकि, दरों में तत्काल कमी से मासिक आधार पर लगभग 3-4 प्रतिशत की अल्पकालिक गिरावट आ सकती है, लेकिन राजस्व आमतौर पर 5-6 प्रतिशत प्रति माह की निरंतर वृद्धि के साथ फिर से बढ़ जाता है।
जीएसटी व्यवस्था लागू होने के समय राज्यों को आश्वासन दिया गया था कि 1 जुलाई, 2017 से 30 जून, 2022 तक की संक्रमण अवधि के पांच वर्षों में उनके वार्षिक राजस्व में 14 प्रतिशत की वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी। यह भी गारंटी दी गई थी कि यदि कोई राजस्व कमी होती है, तो उसकी भरपाई विलासिता की वस्तुओं और शराब, सिगरेट, अन्य तंबाकू उत्पाद, ऑटोमोबाइल और कोयले जैसे हानिकारक उत्पादों पर लगाए गए क्षतिपूर्ति उपकर के माध्यम से की जाएगी।
जीएसटी परिषद द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार, राज्यों को जीएसटी लागू होने के बाद पांच वर्षों की संपूर्ण संक्रमण अवधि के दौरान अपने कर राजस्व की सुरक्षा के लिए कुल 9.14 लाख करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यह राशि राज्यों को उनकी 14 प्रतिशत की सुनिश्चित वृद्धि से मिलने वाली अनुमानित राशि से लगभग 63,265 करोड़ रुपए अधिक थी।