क्या अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन बढ़ा सकता है डायबिटीज और कैंसर का खतरा?

Click to start listening
क्या अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन बढ़ा सकता है डायबिटीज और कैंसर का खतरा?

सारांश

एक नए शोध में पाया गया है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स जैसे प्रोसेस्ड मीट और शुगर युक्त पेय का थोड़ी मात्रा में भी सेवन डायबिटीज और कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। जानें इसके पीछे के कारण और सावधानियाँ।

Key Takeaways

  • अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का थोड़ी मात्रा में भी सेवन खतरनाक हो सकता है।
  • प्रोसेस्ड मीट से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।
  • शुगर युक्त पेय का सेवन हृदय रोग में वृद्धि कर सकता है।
  • कम मात्रा में सेवन करने पर भी जोखिम बना रहता है।
  • स्वास्थ्य पर प्रभाव के लिए सावधानीपूर्वक आहार चुनें।

नई दिल्ली, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। एक नए अध्ययन के मुताबिक, अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स जैसे कि प्रोसेस्ड मीट, शुगर युक्त पेय और ट्रांस फैटी एसिड्स का नियमित रूप से थोड़ी मात्रा में भी सेवन करना डायबिटीज, हृदय रोग और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकता है।

वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन के शोधकर्ताओं ने ‘नेचर मेडिसिन’ जर्नल में प्रकाशित अपने अध्ययन में बताया कि प्रोसेस्ड मीट का प्रतिदिन 0.6 ग्राम से 57 ग्राम तक सेवन करने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम से कम 11 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। वहीं, 0.78 ग्राम से 55 ग्राम प्रति दिन सेवन करने से कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा 7 प्रतिशत अधिक हो सकता है।

इसके अलावा, 50 ग्राम प्रति दिन प्रोसेस्ड मीट खाने से इस्केमिक हृदय रोग (आईएचडी) का खतरा 15 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

शुगर-स्वीटन्ड बेवरेजेस का रोजाना 1.5 ग्राम से 390 ग्राम तक सेवन टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 8 प्रतिशत और हृदय रोग का खतरा 2 प्रतिशत बढ़ा सकता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि कम मात्रा में, यानी रोजाना एक सर्विंग या उससे कम खाने पर भी खतरा तेजी से बढ़ता है।

यह शोध बताता है कि हमें प्रोसेस्ड मीट (जैसे पैकेट बंद मीट), मीठे पेय पदार्थ और ट्रांस-फैट वाली चीजें कम खानी चाहिए। शोधकर्ताओं का कहना है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों के लिए एक साथ मिलकर और सावधानी से स्वास्थ्य जांच का ढांचा बनाने की जरूरत है।

निष्कर्षों से पता चला है कि इन फूड्स को जितनी भी मात्रा में खाया जाए, खतरा बढ़ता ही जाता है, और सबसे तेजी से खतरा तब बढ़ता है जब आप रोजाना थोड़ी मात्रा में भी इनका सेवन करते हैं।

पहले की कई रिसर्चों में भी अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स, खासकर प्रोसेस्ड मीट, चीनी वाले ड्रिंक्स और ट्रांस फैटी एसिड का पुरानी बीमारियों के बढ़े हुए खतरे से संबंध बताया गया है।

अनुमान है कि 2021 में दुनिया भर में लगभग 3 लाख मौतें प्रोसेस्ड मीट वाले खान-पान की वजह से हुईं, जबकि चीनी वाले ड्रिंक्स और ट्रांस फैट से भरपूर डाइट की वजह से लाखों लोगों को शारीरिक अक्षमता का सामना करना पड़ा।

शोधकर्ताओं ने सलाह दी कि प्रोसेस्ड मीट, शुगर युक्त पेय और ट्रांस फैटी एसिड्स का सेवन कम करने की आवश्यकता है।

रिसर्चर्स ने बताया कि ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्रोसेस्ड मीट को स्मोकिंग, क्यूरिंग या केमिकल मिलाकर सुरक्षित रखा जाता है, जिसमें अक्सर एन-नाइट्रोसो एजेंट, पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन और हेटेरोसाइक्लिक एमाइन जैसे तत्व होते हैं। ये सभी तत्व ट्यूमर (गांठ) बनने में मददगार होते हैं।

Point of View

मैं यह कह सकता हूँ कि यह शोध हमें यह समझाता है कि हमारे खान-पान के विकल्प हमारे स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालते हैं। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन केवल दीर्घकालिक स्वास्थ्य पर नहीं, बल्कि हमारी दैनिक जीवनशैली पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है। हमें अपने आहार में अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स क्या होते हैं?
अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड्स में वे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं जिनमें उच्च स्तर पर चीनी, फैट और नमक होता है और जिन्हें आमतौर पर अतिरिक्त रसायनों से संसाधित किया जाता है।
क्या प्रोसेस्ड मीट का सेवन सुरक्षित है?
प्रोसेस्ड मीट का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इसके अधिक सेवन से स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
क्या शुगर युक्त पेय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं?
हां, शुगर युक्त पेय का अधिक सेवन डायबिटीज और हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है।
क्या ट्रांस फैटी एसिड स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं?
जी हां, ट्रांस फैटी एसिड का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है।
इन खाद्य पदार्थों का सेवन कैसे कम करें?
इन खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने के लिए स्वस्थ विकल्पों को अपनाना चाहिए, जैसे ताजे फल, सब्जियाँ और संपूर्ण अनाज।