क्या आगामी 5-10 साल 'स्पोर्ट्स इकॉनमी' के लिए रोमांचक होंगे? : ईशान चटर्जी

सारांश
Key Takeaways
- स्पोर्ट्स इकॉनमी का विकास भारत में तेजी से हो रहा है।
- डेलॉइट के अनुसार, 2023 से 2030 के बीच यह 30 अरब से 70 अरब डॉलर तक पहुँच सकती है।
- पुरुष क्रिकेट का इस विकास में महत्वपूर्ण योगदान है।
- अन्य खेलों का उदय भी इस क्षेत्र में तेजी लाएगा।
- भारतीय प्रतिभाएँ और उनके प्रदर्शन फैन बेस के विकास में सहायक होंगे।
नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जियोस्टार स्पोर्ट्स डिवीजन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ईशान चटर्जी ने कहा है कि आगामी 5-10 वर्ष स्पोर्ट्स इकॉनमी के लिए अत्यंत रोमांचक साबित होंगे। उन्होंने यह जानकारी भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के पूर्व क्रिकेटर दिनेश कार्तिक से साझा की।
दिनेश कार्तिक ने इस कार्यक्रम में ईशान चटर्जी से बातचीत करते हुए कहा, "लोगों को प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) के आरंभ से पहले कबड्डी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वर्तमान में यह खेल अलग स्तर पर पहुँच चुका है। इसके बाद आईपीएल ने खेल जगत में एक नई हलचल पैदा की। अब दूसरे देशों के खेल भी भारत में अपनी पहचान बनाने का प्रयास कर रहे हैं।"
दिनेश कार्तिक ने ईशान चटर्जी से पूछा कि इन तीनों चीजों को संतुलित करना कितना कठिन है?
इस पर ईशान चटर्जी ने कहा, "यह एक चुनौती है। मैं इससे इनकार नहीं करूँगा, लेकिन अच्छी बात यह है कि हम एक ऐसे देश में हैं, जहाँ स्पोर्ट्स इकॉनमी का विकास तेजी से हो रहा है। मेरा मानना है कि अगले 5-10 साल स्पोर्ट्स इकॉनमी के लिए बेहद रोमांचक रहने वाले हैं।"
उन्होंने कहा, "डेलॉइट की एक अध्ययन के अनुसार, भारत की स्पोर्ट्स अर्थव्यवस्था 2023 से 2030 के बीच 30 अरब डॉलर से बढ़कर 70 अरब डॉलर हो जाएगी। इस संदर्भ में, ब्राजील का बाजार 6-8 अरब डॉलर के बीच है। ब्रिटेन, जो एक विकसित बाजार है, लगभग 40 अरब डॉलर का है। इस प्रकार, यहां विकास की संभावनाएँ बहुत हैं। इसका एक बड़ा हिस्सा पुरुष क्रिकेट से प्रभावित है।"
ईशान चटर्जी ने आशा व्यक्त करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि स्पोर्ट्स इकॉनमी में पुरुष क्रिकेट का नेतृत्व हमेशा रहेगा। इसका कारण इस खेल का व्यापक स्तर और क्रिकेट की गुणवत्ता तथा टीम इंडिया की अद्वितीय सफलताएँ हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझे विश्वास है कि हम जिस बड़े प्रवृत्ति पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, वह भारत में अन्य खेलों का उदय है। चाहे वे टेनिस, फुटबॉल, कबड्डी जैसे स्थापित खेल हों या फिर ई-स्पोर्ट्स जैसे नए और उभरते खेल। हमें विश्वास है कि यहाँ तेज़ी से विकास देखने को मिलेगा। यह केवल हमारी इच्छा नहीं है, बल्कि जब भारतीय प्रतिभाएँ और खिलाड़ी उत्कृष्ट प्रदर्शन करेंगे, तो उनका फैन बेस तेजी से बढ़ने लगेगा। उदाहरण के लिए, नीरज चोपड़ा ने जो किया, वह इसका एक बेहतरीन उदाहरण है।