क्या बीसीसीआई 'राष्ट्रीय खेल विधेयक 2025' के अंतर्गत आएगा?

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क्या बीसीसीआई 'राष्ट्रीय खेल विधेयक 2025' के अंतर्गत आएगा?

सारांश

क्या बीसीसीआई को राष्ट्रीय खेल विधेयक 2025 के दायरे में लाया जाएगा? जानें इसके पीछे की वजहें और इससे जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दे। इस विधेयक के माध्यम से खिलाड़ी और खेल संगठनों को कैसे फायदा होगा, यह जानने के लिए पढ़ें।

Key Takeaways

  • बीसीसीआई को राष्ट्रीय खेल विधेयक 2025 के अंतर्गत लाना अनिवार्य होगा।
  • खिलाड़ियों के कल्याणकारी उपायों पर जोर दिया जाएगा।
  • खेलों में नैतिकता और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
  • इस विधेयक के द्वारा खेल महासंघों में सुधार किया जाएगा।
  • रोजर बिन्नी का कार्यकाल बढ़ने की संभावना है।

नई दिल्ली, 22 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक 2025 के दायरे में लाने की योजना बनाई जा रही है। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, सरकार मौजूदा मानसून सत्र में ही राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक 2025 पेश करने जा रही है।

राष्ट्र प्रेस को खेल मंत्रालय के स्रोतों से मिली जानकारी के अनुसार, बीसीसीआई समेत सभी महासंघों के लिए एनएसपी के अंतर्गत आना अनिवार्य होगा। बीसीसीआई एकमात्र प्रमुख खेल संगठन था, जो सरकारी नियमों के दायरे से बाहर था।

अब देखना होगा कि बीसीसीआई के अध्यक्ष रोजर बिन्नी अपने पद पर बने रहेंगे या नहीं। बीसीसीआई के नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति 70 वर्ष की उम्र तक ही अध्यक्ष रह सकता है। बिन्नी 19 जुलाई को 70 वर्ष के हो गए। सितंबर में बीसीसीआई की वार्षिक आम बैठक होने वाली है। यह देखना होगा कि बिन्नी को अध्यक्ष बनाए रखा जाएगा या वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला पदभार संभालेंगे।

यह विधेयक अक्टूबर 2024 से प्रक्रियाधीन है। इसका उद्देश्य खेलों के विकास एवं संवर्धन, खिलाड़ियों के कल्याणकारी उपाय, खेलों में नैतिक प्रथाओं और उनसे संबंधित मामलों का प्रावधान करना है।

यह खेल महासंघों के प्रशासन के लिए संस्थागत क्षमता और विवेकपूर्ण मानकों की स्थापना के लिए भी जिम्मेदार होगा, जो ओलंपिक और खेल के सुशासन, नैतिकता और निष्पक्ष खेल, ओलंपिक चार्टर, पैरालंपिक चार्टर, अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं और कानूनी मानकों के बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित होंगे।

विधेयक में खेल संबंधी शिकायतों और विवादों के एकीकृत, न्यायसंगत और प्रभावी समाधान के उपाय स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। इसका लक्ष्य राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसपी) के माध्यम से 10 समस्याओं का समाधान करना है-

1. राष्ट्रीय खेल महासंघों में प्रशासन में अपादर्शिता: निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना।

2. शासन में खिलाड़ियों के प्रतिनिधित्व का अभाव: एथलीट समितियों के माध्यम से खिलाड़ियों को शामिल करना और योग्य खिलाड़ियों का प्रतिनिधित्व अनिवार्य करना।

3. एनएसएफ चुनावों पर बार-बार मुकदमेबाजी: स्पष्ट चुनावी दिशानिर्देश और विवाद समाधान तंत्र स्थापित करना।

4. खिलाड़ियों का अनुचित या अपारदर्शी चयन: चयन मानदंडों को मानकीकृत करना और योग्यता-आधारित चयन सुनिश्चित करने के लिए ट्रायल और परिणामों का प्रकाशन अनिवार्य करना।

5. उत्पीड़न और असुरक्षित खेल वातावरण: शिकायतों के लिए सुरक्षित खेल तंत्र और स्वतंत्र समितियों का गठन अनिवार्य करना।

6. शिकायत निवारण माध्यमों का अभाव: एथलीटों, प्रशिक्षकों और हितधारकों के लिए समर्पित, समयबद्ध शिकायत निवारण प्रणालियां स्थापित करना।

7. लंबी कानूनी देरी से एथलीटों के करियर को नुकसान: विवादों को शीघ्रता से निपटाने के लिए त्वरित मध्यस्थता या न्यायाधिकरण प्रणाली की शुरुआत करना।

8. आयु हेरफेर और डोपिंग: कानूनी दायित्वों के तहत सख्त सत्यापन और डोपिंग रोधी अनुपालन लागू करना।

9. अधिकारियों के बीच हितों का टकराव: हितों के टकराव के नियमों की स्पष्ट परिभाषाएं और प्रवर्तन लागू करना।

10. एनएसएफ और आईओए के लिए एक समान संहिता का अभाव: सभी खेल निकायों को एकीकृत शासन संहिता और पात्रता मानदंडों के अंतर्गत लाना।

बीसीसीआई के अंतर्गत आने के बाद, रोजर बिन्नी को अध्यक्ष के रूप में 3 साल का एक और कार्यकाल मिल सकता है।

Point of View

जो खेलों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाएगा। इससे खिलाड़ियों के अधिकारों की रक्षा होगी और खेलों में नैतिकता को बढ़ावा मिलेगा।
NationPress
25/07/2025

Frequently Asked Questions

बीसीसीआई कब तक 'राष्ट्रीय खेल विधेयक 2025' के अंतर्गत आएगा?
सरकार ने मौजूदा मानसून सत्र में राष्ट्रीय खेल विधेयक 2025 पेश करने की योजना बनाई है।
क्या रोजर बिन्नी का कार्यकाल बढ़ेगा?
यदि बीसीसीआई 'राष्ट्रीय खेल विधेयक 2025' के अंतर्गत आता है, तो बिन्नी को 3 साल का और कार्यकाल मिल सकता है।
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य खेलों के विकास, खिलाड़ियों के कल्याण और खेलों में नैतिक प्रथाओं को सुनिश्चित करना है।
क्या इस विधेयक का खिलाड़ियों पर कोई प्रभाव पड़ेगा?
हां, यह खिलाड़ियों के अधिकारों की सुरक्षा करेगा और खेलों में पारदर्शिता लाएगा।
बीसीसीआई को एनएसपी के अंतर्गत आना क्यों जरूरी है?
यह खिलाड़ियों और खेल संगठनों के लिए एक समान नियम और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।