क्या बीएफआई को एलीट नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप को रीशेड्यूल करना पड़ा?
सारांश
Key Takeaways
- 9वीं एलीट चैंपियनशिप अब 4-10 जनवरी 2026 को होगी।
- प्रदूषण के कारण चैंपियनशिप को रीशेड्यूल किया गया है।
- यह पहली बार है जब पुरुष और महिला चैंपियनशिप एक साथ हो रही है।
- 10-10 भार वर्ग में मुकाबले होंगे।
- योग्यता: जन्म 1 जनवरी 1985 से 31 दिसंबर 2006 के बीच।
नई दिल्ली, 10 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। 9वीं एलीट पुरुष और महिला नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप को उत्तर भारत में प्रदूषण के नियमों के कारण रीशेड्यूल करना पड़ा है। पहले यह चैंपियनशिप 31 दिसंबर 2025 से 6 जनवरी 2026 के बीच ग्रेटर नोएडा स्थित गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी में आयोजित होने वाली थी, लेकिन अब इसे अगले साल 4-10 जनवरी 2026 के बीच आयोजित किया जाएगा।
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि सरकार द्वारा लागू किए गए प्रदूषण नियंत्रण उपायों के मद्देनजर चैंपियनशिप अब 4-10 जनवरी 2026 के बीच उसी स्थान पर होगी। चैंपियनशिप के अन्य सभी इंतजाम यथावत रहेंगे, और सभी ताजा अपडेट साझा किए जाएंगे।
यह पहली बार है जब बीएफआई पुरुष और महिला नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप को एक साथ आयोजित कर रहा है। इस चैंपियनशिप में भारत के शीर्ष सीनियर मुक्केबाज एक ही छत के नीचे एकत्रित होंगे, जिसमें 10-10 भार वर्ग में मुकाबले होंगे।
इस चैंपियनशिप में सर्विसेज डिफेंडिंग मेंस नेशनल चैंपियंस के रूप में भाग लेंगी, जबकि रेलवे की विमेंस टीम चैंपियनशिप का टाइटल बरकरार रखने का प्रयास करेगी।
बीएफआई ने प्रेस रिलीज में कहा, "देशभर की यूनिट्स पुरुषों और महिलाओं के लिए 10-10 वेट कैटेगरी में मुकाबला करेंगी, जो वर्ल्ड बॉक्सिंग टेक्निकल और कॉम्पिटिशन रूल्स का पूरी तरह से पालन करेगी। प्रत्येक यूनिट को हर कैटेगरी में एक बॉक्सर उतारने की अनुमति होगी। इसमें किसी रिजर्व की अनुमति नहीं है। योग्य मुक्केबाज का जन्म 1 जनवरी 1985 और 31 दिसंबर 2006 के बीच होना अनिवार्य है।"
इस चैंपियनशिप के सभी मैच इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन फॉर्मेट के अनुसार होंगे। बाउट के दौरान तीन-तीन मिनट के तीन राउंड होंगे। प्रत्येक दो राउंड के बीच एक मिनट का विश्राम होगा और 10-प्वाइंट मस्ट स्कोरिंग सिस्टम लागू होगा।
अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर के अनुसार लॉस एंजेलेस 2028 ओलंपिक चक्र की ओर बढ़ते हुए, 9वीं एलीट पुरुष एवं महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप एक बार फिर भारत के एलीट कार्यक्रम में प्रवेश का प्रमुख द्वार बन गई है।