क्या मीनाक्षी और पूजा रानी ने विश्व मुक्केबाजी कप में भारत के लिए पदक सुनिश्चित किए?

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क्या मीनाक्षी और पूजा रानी ने विश्व मुक्केबाजी कप में भारत के लिए पदक सुनिश्चित किए?

सारांश

अस्ताना में चल रहे विश्व मुक्केबाजी कप में भारतीय मुक्केबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। मीनाक्षी और पूजा रानी ने अपने मुकाबलों में शानदार जीत दर्ज कर पदक सुनिश्चित किए हैं। जानें उनके अद्भुत प्रदर्शन की कहानी।

Key Takeaways

  • मीनाक्षी ने 48 किग्रा में शानदार प्रदर्शन किया।
  • पूजा रानी ने 80 किग्रा में दमदार जीत दर्ज की।
  • भारतीय टीम ने दो पदक सुनिश्चित किए हैं।
  • अनामिका ने भी क्वार्टर फ़ाइनल में अपनी जगह बनाई।
  • जदुमणि सिंह ने कड़े मुकाबले में बहादुरी दिखाई।

अस्ताना, 2 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय मुक्केबाजी टीम ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में चल रहे विश्व मुक्केबाजी कप में दो पदक सुनिश्चित किए हैं। मीनाक्षी (48 किग्रा) और पूजा रानी (80 किग्रा) ने भारत के लिए यह उपलब्धि हासिल की है।

मीनाक्षी ने क्वार्टर फ़ाइनल में चीनी ताइपे की गुओ यी-ज़ुआन के खिलाफ शानदार जीत हासिल की। भारतीय मुक्केबाज ने अपने तेज़ फुटवर्क, सटीक पंच और रिंग में अपनी शानदार जागरूकता दिखाते हुए 5:0 के साथ सर्वसम्मत जीत दर्ज की।

उन्होंने मुकाबले की गति को नियंत्रित करते हुए निर्णायकों को किसी भी प्रकार के संदेह से मुक्त रखा। इस जीत के साथ, उन्होंने सेमीफाइनल में प्रवेश किया और अब कम से कम कांस्य पदक सुनिश्चित कर लिया है।

भारत की अनुभवी मुक्केबाज पूजा रानी ने 80 किग्रा वर्ग में स्थानीय गुलसाया येरजान के खिलाफ दमदार प्रदर्शन किया। इस महत्वपूर्ण मुकाबले में उन्होंने 4:1 के विभाजित निर्णय के जरिए जीत हासिल की।

पूजा ने शुरुआती दौर में दबाव झेला, मगर बाद में निर्णायक पंच लगाते हुए जीत प्राप्त की। इस जीत के साथ, उन्होंने पोडियम फिनिश हासिल किया और अब सेमीफाइनल में पहुँचकर इसे स्वर्ण में बदलने की कोशिश करेंगी।

इससे पहले, अनामिका (51 किग्रा) ने क्वार्टर फ़ाइनल में पहुँचकर तुर्की की आइसेन तस्किन को हराया, जिससे इस भार वर्ग में भारतीय की उम्मीदें जीवित हैं।

पुरुषों की ओर से जदुमणि सिंह ने फिलीपींस के जे. ब्रायन बारिकुआत्रो के खिलाफ एक करीबी मुकाबले में बहादुरी से मुकाबला किया। जोशीले प्रयास के बावजूद, जदुमणि बहुत कम अंतर से हार गए और कड़े मुकाबले के बाद टूर्नामेंट से बाहर हो गए।

Point of View

यह कहना सही होगा कि भारतीय मुक्केबाजों ने अपनी मेहनत और लगन से हमें गर्वित किया है। मीनाक्षी और पूजा रानी की जीत न केवल उनके व्यक्तिगत करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। हमें उम्मीद है कि वे आगे चलकर और भी उपलब्धियाँ हासिल करेंगे।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

मीनाक्षी और पूजा रानी ने किस प्रतियोगिता में पदक सुनिश्चित किए?
उन्होंने विश्व मुक्केबाजी कप में पदक सुनिश्चित किए।
किस शहर में विश्व मुक्केबाजी कप हो रहा है?
यह प्रतियोगिता कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में हो रही है।
मीनाक्षी ने किस प्रतिद्वंद्वी को हराया?
मीनाक्षी ने चीनी ताइपे की गुओ यी-ज़ुआन को हराया।
पूजा रानी ने कितने किलोग्राम वर्ग में मुकाबला किया?
पूजा रानी ने 80 किग्रा वर्ग में मुकाबला किया।
क्या जदुमणि सिंह ने अपने मुकाबले में जीत हासिल की?
नहीं, जदुमणि सिंह एक करीबी मुकाबले में हार गए।