क्या हमारे पास विश्व कप जीत इतिहास रचने का मौका है? : हरमनप्रीत कौर

सारांश
Key Takeaways
- महिला वनडे विश्व कप का आगाज 30 सितंबर से।
- भारतीय टीम के पास जीतने का सुनहरा मौका।
- हरमनप्रीत कौर का नेतृत्व महत्वपूर्ण है।
- टीम में अनुभवी और युवा खिलाड़ियों का मिश्रण।
- फैंस का समर्थन अनिवार्य है।
नई दिल्ली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। महिला वनडे विश्व कप का शुभारंभ 30 सितंबर से होने जा रहा है। भारत और श्रीलंका के बीच मैच खेले जाएंगे। मेज़बान होने के नाते भारतीय टीम के पास विश्व कप जीतने का सुनहरा अवसर है, और इस बात को कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी स्वीकार किया है।
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने कहा है कि उनके नेतृत्व में भारत को विश्व कप जीतकर इतिहास रचने का मौका है। उन्होंने कहा, "यह हम सभी के लिए घरेलू विश्व कप है और हम इसे अपने सभी समर्थकों के लिए खास बनाना चाहते हैं।"
शनिवार को आईसीसी के एक कॉलम में हरमनप्रीत ने लिखा, "घरेलू विश्व कप में भारतीय टीम की कप्तानी करना, एक बड़ा सम्मान है। हम ट्रॉफी जीतने की ख्वाहिश रखते हैं और इस टूर्नामेंट को यादगार बनाने के लिए पूरी तरह से प्रेरित हैं।"
भारतीय कप्तान ने लिखा, "विश्व कप की तैयारी का हमारा सफर समृद्ध रहा है। पिछले कुछ समय से टीम अच्छा प्रदर्शन कर रही है। इससे हमारे अंदर आईसीसी ट्रॉफी जीतने की ललक जगी है। हम बड़ी छलांग लगाना चाहते हैं और आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप जीतना चाहते हैं। प्रतियोगिता हमेशा की तरह कड़ी है, लेकिन टीम को अपने कौशल, तैयारियों और किसी भी चुनौती से पार पाने का भरोसा है। घरेलू और बाहरी मैदानों पर खेले गए हालिया नतीजे भी टीम के लिए उत्साहजनक रहे हैं। हम विश्व कप में इस लय को बरकरार रखने के लिए उत्सुक हैं।"
हरमनप्रीत ने लिखा, "हमारी विश्व कप टीम में सभी विभागों में युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण है। स्मृति मंधाना, जेमिमा रोड्रिग्स, हरलीन देओल, प्रतीका रावल, ऋचा घोष और उमा छेत्री जैसी बल्लेबाजी प्रतिभाएं टीम में मौजूद हैं। गेंदबाजी भी उतनी ही प्रभावशाली है, जिसमें रेणुका सिंह ठाकुर और अरुंधति रेड्डी के साथ युवा और होनहार क्रांति गौड़, एन. श्री चरणी और राधा यादव भी हैं। इसके अलावा, दीप्ति शर्मा, स्नेह राणा और अमनजोत कौर जैसे तीन ऑलराउंडर भी हैं, जो खेल का रुख भारत के पक्ष में मोड़ सकते हैं।"
उन्होंने विश्व कप में भारतीय टीम के अभियान में सपोर्ट स्टाफ की भूमिका और फैंस के उत्साह और समर्थन को भी महत्वपूर्ण बताया। भारतीय महिला टीम अब तक कोई भी आईसीसी खिताब नहीं जीत सकी है। 2005 और 2017 में टीम फाइनल में पहुंची थी।