क्या कॉमनवेल्थ गेम्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन करने का मंच प्रदान करेंगे: ओलंपियन अर्जुन सिंह चीमा?
सारांश
Key Takeaways
- कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर हैं।
- अर्जुन सिंह चीमा ने युवा खिलाड़ियों को संघर्ष करने का संदेश दिया।
- भारतीय निशानेबाजी में लगातार अच्छा प्रदर्शन हो रहा है।
- खेल संस्कृति में सुधार हो रहा है।
- भविष्य में भारत की स्थिति और मजबूत हो सकती है।
पटियाला, 27 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। ओलंपियन अर्जुन सिंह चीमा ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेज़बानी भारत को मिलने पर अपनी खुशी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि यह कॉमनवेल्थ गेम्स भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा और खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने नाम को रोशन करने का एक मंच प्रदान करेगा।
मीडिया से बात करते हुए अर्जुन सिंह चीमा ने कहा, "2030 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स भारत के लिए एक अनूठा अवसर होगा, जहाँ देश के युवा खिलाड़ी न केवल अपनी क्षमता को सामने ला सकेंगे, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम भी रोशन करेंगे।"
चीमा ने कहा कि 2020 के बाद से देश की खेल संस्कृति में तेजी से सुधार हुआ है। पंजाब खेलों में लगातार प्रगति कर रहा है। यह परिवर्तन न केवल खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, बल्कि नए टैलेंट को भी एक मजबूत मंच प्रदान कर रहा है।
अर्जुन सिंह चीमा एक प्रमुख निशानेबाज हैं, जो 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में भाग लेते हैं। वह 2022 के एशियाई खेलों में 10 मीटर एयर पिस्टल टीम प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे।
2022 की एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुके चीमा ने 2023 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने कहा कि ईश्वर की कृपा से अगली बार वे ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने का पूरा प्रयास करेंगे।
अर्जुन सिंह चीमा ने युवा खिलाड़ियों को संदेश दिया, "मेहनत करते रहें, निरंतरता बनाए रखें, हार-जीत से न घबराएं, संघर्ष करते रहें, अपने खेल पर ध्यान केंद्रित करें। उतार-चढ़ाव आते रहेंगे, लेकिन जो लोग डटे रहते हैं, वही मंजिल प्राप्त करते हैं। अपने सपनों के लिए संघर्ष जारी रखें।"
भारतीय टीम निशानेबाजी में लगातार उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही है। पेरिस ओलंपिक में मनु भाकर ने भी 2 पदक जीते थे। भविष्य में निशानेबाजी में भारत की स्थिति और मजबूत हो सकती है।