क्या मणिपुर में दो साल बाद 'डूरंड कप' की वापसी हो गई है?

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क्या मणिपुर में दो साल बाद 'डूरंड कप' की वापसी हो गई है?

सारांश

मणिपुर में डूरंड कप की वापसी फुटबॉल प्रेमियों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। यह टूर्नामेंट न केवल खेल का उत्साह बढ़ाता है, बल्कि राज्य में शांति और सामान्य जीवन की बहाली का भी प्रतीक है। भारत की दो प्रमुख टीमों के बीच मुकाबला दर्शकों के लिए एक अनूठा अनुभव प्रदान करता है।

Key Takeaways

  • डूरंड कप की मणिपुर में वापसी से फुटबॉल प्रेमियों में उत्साह है।
  • स्थानीय टीमें प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, जो खेल का स्तर बढ़ाएगी।
  • यह टूर्नामेंट मानसिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करता है।
  • उद्घाटन समारोह में कल्चरल प्रोग्राम का आयोजन किया गया।
  • स्टेडियम में दर्शकों की भीड़ ने समस्या उत्पन्न की।

इम्फाल, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। मणिपुर के फुटबॉल प्रशंसकों के लिए बुधवार का दिन अत्यंत रोमांचक रहा। एशिया के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट डूरंड कप की दो साल बाद मणिपुर में वापसी हुई है। इसे लेकर शहर के फुटबॉल प्रेमियों में उत्साह की लहर है।

स्थानीय टीमें टिडिम रोड एथलेटिक यूनियन एफसी (टीआरएयू एफसी) और नॉर्थ ईस्टर्न री-ऑर्गनाइजिंग कल्चरल एसोसिएशन फुटबॉल क्लब (नेरोका एफसी) 134वें डूरंड कप के ग्रुप एफ के पहले मैच में 'इम्फाल डर्बी' में आमने-सामने आईं।

राष्ट्र प्रेस से बात करते हुए फुटबॉल प्रेमी वांगखेमचा ने कहा, "हम एशिया के सबसे पुराने फुटबॉल टूर्नामेंट, डूरंड कप का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। सबसे पहले मैं भारतीय सेना को इस टूर्नामेंट के आयोजन के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। मणिपुर में हम संकट से जूझ रहे हैं, इस टूर्नामेंट के जरिए हम लोगों की मानसिकता को हल्का कर सकते हैं। मैं दोनों टीमों को शुभकामनाएं देना चाहता हूं। यह टूर्नामेंट उन पीढ़ियों को प्रभावित करेगा, जो फुटबॉल खेलना चाहती हैं।"

मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला उद्घाटन समारोह और मैच में शामिल हुए। इस दौरान एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

हालांकि, कई फुटबॉल प्रेमी नाखुश थे क्योंकि स्टेडियम बहुत खचाखच भरा था और सभी के लिए पर्याप्त सीटें नहीं थीं। कुछ लोगों को आराम से घूमने या मैच देखने में भी मुश्किल हो रही थी।

इन समस्याओं के बावजूद, लोग इस बात से खुश थे कि मणिपुर में इतना बड़ा टूर्नामेंट फिर से आयोजित हो रहा है। इसे राज्य में शांति और सामान्य जीवन वापस लाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

मणिपुर की दोनों दिग्गज टीमों के बीच सालों से ऐतिहासिक और यादगार मुकाबले होते रहे हैं। दोनों टीमों ने कुल मिलाकर 21 प्रमुख खिताब जीते हैं।

ग्रुप एफ में भारतीय नौसेना फुटबॉल टीम और रियल कश्मीर एफसी भी शामिल हैं, जिससे यह एक प्रतिस्पर्धी ग्रुप बन गया है, जहां नॉकआउट चरणों में क्वालिफाई करने के लिए हर अंक महत्वपूर्ण होगा। सभी ग्रुपों में छह ग्रुप विजेता और दो सर्वश्रेष्ठ दूसरे स्थान पर रहने वाली टीमें क्वार्टर फाइनल में पहुंचेंगी, जिससे दोनों टीमों पर अपने शुरुआती मुकाबले में सकारात्मक परिणाम हासिल करने का अतिरिक्त दबाव होगा।

Point of View

बल्कि पूरे राज्य के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह आयोजन मानसिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करने और सामुदायिक एकता को बढ़ावा देने में मदद करेगा। ऐसे समय में जब मणिपुर संकट का सामना कर रहा है, यह टूर्नामेंट लोगों को एकजुट कर सकता है और उनकी समस्याओं को थोड़ी देर के लिए भुला सकता है।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

डूरंड कप कब शुरू हुआ?
डूरंड कप का आयोजन पहली बार 1888 में हुआ था, यह एशिया का सबसे पुराना फुटबॉल टूर्नामेंट है।
इस साल डूरंड कप में कौन-कौन सी टीमें भाग ले रही हैं?
इस साल डूरंड कप में टिडिम रोड एथलेटिक यूनियन एफसी, नॉर्थ ईस्टर्न री-ऑर्गनाइजिंग कल्चरल एसोसिएशन, भारतीय नौसेना फुटबॉल टीम, और रियल कश्मीर एफसी शामिल हैं।
मणिपुर में डूरंड कप का क्या महत्व है?
मणिपुर में डूरंड कप का महत्व खेल की संस्कृति को बढ़ावा देने, स्थानीय टीमों को प्रोत्साहित करने और सामुदायिक एकता को मजबूत करने में है।