क्या युसूफ पठान को गुजरात हाईकोर्ट से मिला झटका?

सारांश
Key Takeaways
- गुजरात हाईकोर्ट ने युसूफ पठान के पक्ष में निर्णय नहीं दिया।
- युसूफ पठान के प्लॉट पर वडोदरा नगर निगम का अधिकार है।
- 2012 में युसूफ ने प्लॉट के लिए आवेदन किया था।
- राज्य सरकार ने निगम की सिफारिश को अस्वीकार किया था।
- युसूफ पठान ने राजनीति में भी कदम रखा है।
वडोदरा, 10 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात हाईकोर्ट ने भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर युसूफ पठान से संबंधित एक भूमि विवाद में उनके खिलाफ निर्णय दिया है। हाईकोर्ट का यह निर्णय वडोदरा नगर निगम के पक्ष में है। इस फैसले के बाद, युसूफ पठान के कब्जे वाले प्लॉट पर अब वडोदरा नगर निगम का अधिकार होगा।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में वडोदरा नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त (भूमि संपत्ति) सुरेश तुवर ने कहा, "युसूफ पठान जिस भूमि पर दावा कर रहे थे, उसे निगम ने खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी। उनकी अपील को खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने नगर निगम के पक्ष में निर्णय दिया है।"
युसूफ पठान पर सरकारी प्लॉट पर अवैध कब्जा करने का आरोप है। वडोदरा नगर निगम ने उन्हें नोटिस भेजा था। रिपोर्ट के अनुसार, वडोदरा नगर निगम ने युसूफ पठान को प्लॉट देने की सिफारिश की थी। इसके लिए प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा गया था, लेकिन राज्य सरकार ने निगम की सिफारिश को रद्द कर दिया था। इसके बावजूद, युसूफ पठान ने प्लॉट पर कब्जा कर लिया। जब युसूफ पठान ने प्लॉट मांगा था, उस समय डॉ. ज्योति पंड्या मेयर थीं। तब आयुक्त ने प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा था। उस समय, युसूफ पठान राजनीति का हिस्सा नहीं थे।
युसूफ पठान पर वडोदरा के तंदलजा स्थित अपने निवास के बगल वाले प्लॉट पर कब्जा करने का आरोप है। युसूफ पठान ने 2012 में प्लॉट खरीदने की मांग वडोदरा नगर निगम से की थी। निगम ने प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए 2014 में राज्य सरकार को भेजा था, लेकिन सरकार ने प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी। 2024 में यह विवाद फिर से उजागर हुआ।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, युसूफ पठान ने राजनीति में कदम रखा है। 2024 में उन्होंने पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट से तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के प्रमुख नेता अधीर रंजन चौधरी को हराकर संसद में पहुंचे।