क्या जोंटी रोड्स दिल्ली की हवा से परेशान होकर गोवा में रह रहे हैं?
सारांश
Key Takeaways
- जोंटी रोड्स ने गोवा में अपने बच्चों के लिए बेहतर वायु गुणवत्ता की सराहना की।
- दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है।
- दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए उपाय करने का आश्वासन दिया है।
- अस्थमा से पीड़ित लोगों को बाहर जाने से बचने की सलाह दी जा रही है।
- सोशल मीडिया पर जोंटी की पोस्ट ने इस मुद्दे को और अधिक उजागर किया है।
नई दिल्ली, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली की वायु गुणवत्ता से परेशान होकर, साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर जोंटी रोड्स ने गोवा के एक छोटे से गांव में अपने परिवार के साथ रहने का निर्णय लिया है। उन्होंने गोवा की हवा की बेहतरी की सराहना की है।
जोंटी ने कहा कि गोवा में पर्यावरण और हवा की गुणवत्ता इतनी उत्कृष्ट है कि उनके बच्चे समुद्र किनारे फुटबॉल खेल रहे हैं, जबकि दिल्ली में बच्चों को घर के अंदर रहने की सलाह दी जा रही है।
दिल्ली की वायु प्रदूषण की स्थिति अब गंभीर हो गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार सुबह 7 बजे दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 372 दर्ज हुआ, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है।
जोंटी रोड्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "मेरे घर में सूर्यास्त कुछ ऐसा दिखता है, और हां, ये मेरे बच्चे फुटबॉल खेल रहे हैं। जबकि दिल्ली में तो घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है।"
उन्होंने रविवार को दिल्ली से रांची की उड़ान भरी थी। इस दौरान दिल्ली की खराब आबोहवा को देखकर उन्होंने लिखा, "आज शाम रांची जाते हुए दिल्ली से गुज़र रहा हूं और हमेशा की तरह, यहां की वायु गुणवत्ता की स्थिति को समझ पाना मुश्किल है। ये देखकर, मैं दक्षिण गोवा के एक छोटे से गांव में रहने के लिए आभार व्यक्त करता हूं।"
दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा पर जोंटी ही नहीं, बल्कि कई अन्य लोगों ने भी चिंता व्यक्त की है। दिल्ली वासियों का मानना है कि हर साल उन्हें ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है। वहीं, दिल्ली सरकार ने आश्वासन दिया है कि वे प्रदूषण को रोकने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
डॉक्टरों के अनुसार, अगर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इसी तरह बना रहा तो सांस लेने में दिक्कत होने की संभावना है। विशेषकर अस्थमा से पीड़ित व्यक्तियों को सलाह दी जाती है कि वे घर के अंदर ही रहें। प्रदूषण के कारण बाहर जाने से सांस फूलने, गले में खुजली और आंखों में जलन जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।