क्या कभी 'क्रिकेट किट' के लिए संघर्ष करने वाली अमनजोत कौर ने पिता के समर्थन से वर्ल्ड कप चैंपियन बन गयीं?
सारांश
Key Takeaways
- अमनजोत कौर की प्रेरणादायक यात्रा
- पिता का समर्थन महत्वपूर्ण
- महिला क्रिकेट में भारत की पहली विश्व कप जीत
- संघर्ष और मेहनत से मिली सफलता
- क्रिकेट किट की खरीद में चुनौतियाँ
मोहाली, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। महिला विश्व कप 2025 की विजेता अमनजोत कौर को इस सफलता तक पहुंचने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। एक समय था, जब अमनजोत क्रिकेट किट खरीदने के लिए भी पैसे जुटाने में कठिनाई महसूस करती थीं। लेकिन, इस कठिनाई में उन्हें हर पल अपने पिता का साथ मिला।
भारत ने रविवार को महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ विजयी होकर इतिहास रच दिया। इस महत्वपूर्ण मैच में अमनजोत कौर ने 14 गेंदों में 1 चौके के साथ 12 रन बनाए। हालाँकि उन्होंने 4 ओवरों में 34 रन दिए, परंतु साउथ अफ्रीकी कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट का कैच लपकने और ताजमिन ब्रित्स को रन आउट करने में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा।
महिला वनडे विश्व कप फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम इंडिया की जीत पर अमनजोत कौर की बहन कमलजोत कौर ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "जब भी हम अमनजोत की बात करते हैं, तो वह हमेशा आत्मविश्वासी नजर आती हैं। फाइनल में हमें उम्मीद थी कि लौरा जल्दी आउट होंगी, लेकिन उन्होंने शतक बनाया। अंत में, अमनजोत ने उनका कैच लपका।"
कमलजोत कौर ने बहन के संघर्ष को याद करते हुए कहा, "हमने अमनजोत की यात्रा देखी है। हमारा सपना था कि वह विश्व कप में खेलें। अंततः भारत ने यह खिताब जीत लिया है। हमने उन्हें घरेलू स्तर से अंतरराष्ट्रीय स्तर तक बढ़ते देखा है। क्रिकेट किट महंगी होती थी, इसे खरीदने के लिए हमें काफी मेहनत करनी पड़ी। हमारे पिता ने हर संभव मदद की। स्कूल छोड़ना और वापस लाना उनकी जिम्मेदारी थी। हमने देखा है कि सपने सच होते हैं।"
नवी मुंबई स्थित डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकेडमी में खेले गए इस खिताबी मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 7 विकेट पर 298 रन बनाए। इसके जवाब में साउथ अफ्रीका की टीम 45.3 ओवरों में केवल 246 रन पर आउट हो गई। यह भारतीय महिला क्रिकेट टीम का पहला विश्व कप खिताब है।