क्या 'विकसित भारत' तभी बनेगा जब युवा फिट, सशक्त, संस्कारी और राष्ट्रभक्त होंगे? : मनसुख मांडविया

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क्या 'विकसित भारत' तभी बनेगा जब युवा फिट, सशक्त, संस्कारी और राष्ट्रभक्त होंगे? : मनसुख मांडविया

सारांश

क्या युवाओं की फिटनेस और राष्ट्रभक्ति ही 'विकसित भारत' की कुंजी है? वाराणसी में आयोजित 'युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन' में डॉ. मनसुख मांडविया ने नशामुक्त युवा बनाने की अपील की है। जानें इस सम्मेलन में क्या खास बातें कही गईं और युवाओं की शक्ति का महत्व।

Key Takeaways

  • युवाओं की शक्ति को पहचानना आवश्यक है।
  • नशे से दूर रहकर ही हम विकसित भारत का सपना पूरा कर सकते हैं।
  • प्रधानमंत्री मोदी के संदेश को अपनाना होगा।
  • युवाओं को संवेदनशील बनाना और उन्हें जागरूक करना जरूरी है।
  • हर युवा को नशा मुक्त अभियान से जोड़ना चाहिए।

वाराणसी, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय ने 19-20 जुलाई को वाराणसी में 'विकसित भारत के लिए नशा मुक्त युवा' विषय पर 'युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन' का आयोजन किया है। इस सम्मेलन में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने देश को नशामुक्त बनाने का आह्वान किया।

रुद्राक्ष इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में डॉ. मांडविया ने कहा, "15 अगस्त 2022 को लाल किले से पीएम मोदी ने कहा था कि हमें 2047 तक एक विकसित भारत बनाना है। यह 25 वर्षों का 'अमृतकाल' है। हमें इस अवधि में 'विकसित भारत' के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए क्या-क्या करना होगा, इसके लिए प्रधानमंत्री ने रोड मैप प्रस्तुत किया है।"

उन्होंने आगे कहा, "पीएम मोदी ने कहा था कि हम तभी विकसित भारत की राह पर बढ़ पाएंगे जब गुलामी की मानसिकता को छोड़ देंगे। हमें अपनी विरासत के अनुसार विकसित भारत बनाना है। उन्होंने देशवासियों से एक संकल्प और विचार के साथ आगे बढ़ने की अपील की थी।"

केंद्रीय मंत्री ने बताया, "युवा इस देश की शक्ति हैं। देश की 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 साल से कम उम्र की है। हम दुनिया के सबसे युवा राष्ट्र हैं। इस शक्ति को संयोजित करके हमें विकसित भारत बनाना है। यह तभी संभव होगा जब हमारे युवा फिट, सशक्त, संस्कारी और राष्ट्रभक्त होंगे। नशा युवाओं के जीवन को बर्बाद करता है, यह परिवारों को भी प्रभावित करता है और राष्ट्र को नुकसान पहुंचाता है। यह समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।"

डॉ. मांडविया ने प्रधानमंत्री की अपील को दोहराते हुए कहा, "पीएम ने कई बार युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश दिया है। हमें विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचाना होगा। हर युवा को चाहिए कि वह पांच लोगों को नशा मुक्त अभियान से जोड़े, ताकि हमारा देश इस बर्बादी से बच सके। जब युवा संकल्प लेते हैं, तब क्रांति होती है। संकल्प से सिद्धि सुनिश्चित होती है।"

उन्होंने मोबाइल फोन की लत पर टिप्पणी करते हुए कहा, "आजकल लोग रील्स की आदत में पड़ गए हैं, जिससे उनका समय बर्बाद हो रहा है। हमें इस समय का उपयोग देश के विकास में करना चाहिए।"

इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा, "नशा अब एक सामाजिक चुनौती बनता जा रहा है। पीएम मोदी ने युवाओं की ताकत को पहचाना है। जब युवा एक बार ठान लेते हैं, तो वे असंभव कार्य भी कर सकते हैं। नशा मुक्त भारत अभियान अब एक जनआंदोलन बन चुका है।"

इस कार्यक्रम में शामिल हुए सुमित कुमार ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "आज के युवा नशा के शिकार हो रहे हैं। इसे रोकने के लिए इस तरह के कार्यक्रम महत्वपूर्ण हैं। हम लोगों को जागरुक करने का प्रयास कर रहे हैं।"

वहीं, एक युवा ने कहा, "युवा होने के नाते अगर हम युवाओं को नशा मुक्ति अभियान के बारे में समझाते हैं, तो इसका असर होगा। यह एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर काम करने की आवश्यकता है।"

मनवर सिंह रावत ने कहा, "युवाओं का भविष्य प्रभावित हो रहा है, लेकिन नशा मुक्त भारत ही हमें विकसित भारत की ओर ले जाएगा।"

Point of View

जो कि देश के विकास के लिए आवश्यक है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

शिखर सम्मेलन का उद्देश्य क्या था?
इस सम्मेलन का उद्देश्य युवाओं को नशामुक्त बनाने और उन्हें विकसित भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करना था।
डॉ. मनसुख मांडविया ने क्या कहा?
उन्होंने युवा शक्ति की पहचान करते हुए नशे के खिलाफ एक ठोस संकल्प लेने का आह्वान किया।
इस कार्यक्रम का महत्व क्या है?
यह कार्यक्रम न केवल नशामुक्ति का संदेश देता है, बल्कि यह युवाओं को संगठित कर एक जनआंदोलन बनाने की दिशा में भी कार्य कर रहा है।
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