क्या केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने मलेशिया के टिटिवांगसा पार्क में प्रवासी भारतीयों के साथ साइकिलिंग की?

सारांश
Key Takeaways
- मनसुख मांडविया ने प्रवासी भारतीयों के साथ साइकिलिंग की।
- उन्होंने भारत-मलेशिया संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया।
- मलेशिया में 29 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग हैं।
- उन्होंने सामाजिक सुरक्षा में उत्कृष्टता के लिए पुरस्कार प्राप्त करने की चर्चा की।
- 150 से अधिक भारतीय कंपनियां मलेशिया में कार्य कर रही हैं।
कुआलालंपुर, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को मलेशिया के टिटिवांगसा पार्क में प्रवासी भारतीयों के संग साइकिलिंग का अनुभव किया, जिसकी तस्वीरें उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर साझा की हैं।
तस्वीरों को साझा करते हुए मनसुख मांडविया ने लिखा, "टिटिवांग्सा पार्क में साइकिलिंग का मजा लिया। इस अवसर पर प्रवासी भारतीयों के साथ अपनेपन का अहसास हुआ।"
वे मलेशिया में 'सामाजिक सुरक्षा में उत्कृष्ट उपलब्धि' के लिए अंतरराष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ पुरस्कार 2025 प्राप्त करने के लिए दौरे पर हैं।
मलेशिया में 29 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग निवास करते हैं। शुक्रवार को, मनसुख मांडविया ने मलेशिया के भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ संवाद करते हुए भारत की विकास यात्रा को मजबूत बनाने और 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य में प्रवासी भारतीयों की भूमिका पर जोर दिया।
उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने, अपनी सांस्कृतिक जड़ों को सुरक्षित रखने और भारत-मलेशिया संबंधों को मजबूती प्रदान करने के लिए भारतीय समुदाय की सराहना की।
केंद्रीय मंत्री ने मलेशिया के मानव संसाधन मंत्री स्टीवन सिम ची कियोंग को आईएसएसए मंच की सफल मेज़बानी के लिए बधाई दी, जो मलेशिया की सामाजिक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
शुक्रवार को, मनसुख मांडविया ने कुआलालंपुर में विश्व सामाजिक सुरक्षा शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएसएसएफ) के दौरान अंतरराष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा संघ (आईएसएसए) के अध्यक्ष और मलेशिया तथा युगांडा के प्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। उन्होंने कौशल की पारस्परिक मान्यता, सुरक्षित श्रम गतिशीलता और सामाजिक सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की।
उन्होंने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि 150 से अधिक भारतीय कंपनियां मलेशिया में कार्यरत हैं, जबकि मलेशिया की लगभग 70 कंपनियां भारत में बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा, दूरसंचार, तेल और गैस, बिजली और पर्यटन में कार्य कर रही हैं। इसके साथ ही, उन्होंने भारतीय श्रमिकों के कल्याण के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।