क्या नूपुर ने विश्व मुक्केबाजी फाइनल में स्वर्ण पदक जीतने पर ट्रोलर्स को जवाब दिया?
सारांश
Key Takeaways
- नूपुर ने विश्व मुक्केबाजी फाइनल में स्वर्ण पदक जीता।
- उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने सकारात्मकता दिखाई।
- मुक्केबाजी में भारत की विश्वस्तरीय सुविधा को सराहा।
- अन्य महिला पहलवानों ने भी स्वर्ण पदक जीते।
- महिलाओं के खेल में भारत की प्रगति एक प्रेरणादायक उदाहरण है।
ग्रेटर नोएडा, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व मुक्केबाजी फाइनल में स्वर्ण पदक जीतने का नूपुर का सपना सच हो गया है। ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में गुरुवार को नूपुर ने 80+ किग्रा फाइनल में उज्बेकिस्तान की सोटिम्बोएवा ओल्टिनोय को हराकर स्वर्ण पदक जीता।
मीडिया से बात करते हुए नूपुर ने कहा, "मुझे स्वर्ण पदक की बहुत अधिक आवश्यकता थी। पिछले महीने फाइनल में मिली हार के बाद मेरी नींद उड़ी हुई थी। प्रारंभिक 10 दिन तो मैं बस उसी फाइनल और अपनी हार के बारे में सोचती रही। इसलिए यहां मेरे लिए स्वर्ण पदक जीतना अत्यंत महत्वपूर्ण था।"
उन्होंने कहा, "मेरे एक वीडियो पर मुझे ट्रोल किया गया था। मेरा रजत पदक आया था और मैंने कहा था कि मैं इसे स्वर्ण में बदलूंगी। इसके लिए मुझे ट्रोल किया गया था। मेरे आत्मविश्वास को अति आत्मविश्वास कहकर देश में मुझे ट्रोल किया गया था। मैं सोशल मीडिया का बहुत कम उपयोग करती हूं। मुझे तीन-चार दिन बाद पता चला कि मुझे ट्रोल किया जा रहा है। उस समय मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगा था। मैं उन सभी ट्रोलर्स को यही कहना चाहूंगी कि यदि आप अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ विश्वास नहीं रखेंगे, तो आप उसे प्राप्त नहीं कर पाएंगे। इसलिए किसी को भी ट्रोल करना बंद करें।"
नूपुर ने कहा कि हम तीन मुक्केबाजी विश्व कप में जा चुके हैं, जैसी विश्वस्तरीय सुविधा भारत में इस बार मिली है। वैसी सुविधा मैंने पहले कहीं नहीं देखी।
गुरुवार को भारत की तीन अन्य महिला पहलवानों मीनाक्षी, अरुंधति और प्रीति ने भी अपने-अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीते।
मीनाक्षी ने 48 किग्रा फाइनल में फोजिलोवा फरजोना को, अरुंधति चौधरी ने महिलाओं के 70 किग्रा फाइनल में उज्बेकिस्तान की जोकिरोवा अजीजा को और प्रीति ने 54 किग्रा फाइनल में इटली की सिरीन चाराबी को हराकर स्वर्ण पदक जीता।