क्या पीबीएल बैडमिंटन के क्षेत्र में क्रांति ला रहा है?
सारांश
Key Takeaways
- पीबीएल ने खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता दी है।
- यह लीग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का माध्यम है।
- खिलाड़ियों को अपनी क्षमता प्रदर्शित करने का मौका मिलता है।
- इसमें घरेलू और विदेशी दोनों खिलाड़ियों को अवसर मिलता है।
- पीबीएल का आयोजन दिसंबर और जनवरी में होता है।
नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत में जिन खेलों की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है, उनमें बैडमिंटन सबसे आगे है। देश ने कॉमनवेल्थ और ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बैडमिंटन में पदक जीते हैं। इसी कारण, पिछले 10 वर्षों में गांवों से लेकर मेट्रो शहरों तक बैडमिंटन का फैलाव तेजी से बढ़ा है।
पीवी सिंधु, सायना नेहवाल, और लक्ष्य सेन के मैच दर्शक टेलीविजन पर देखने के लिए उत्सुक रहते हैं। ये खिलाड़ी क्रिकेटरों की लोकप्रियता को चुनौती देते हैं। वर्तमान में बैडमिंटन की स्थिति को और बेहतर करने की आवश्यकता है, और इसके लिए युवाओं को आर्थिक रूप से मजबूत करना आवश्यक है।
बैडमिंटन खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता दिलाने के लिए 2013 में इंडियन बैडमिंटन लीग (आईबीएल) की स्थापना की गई थी। 2016 में इसे प्रीमियर बैडमिंटन लीग (पीबीएल) के नाम से पुनः लांच किया गया। पीबीएल को बैडमिंटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (बीएआई) द्वारा प्रबंधित किया जाता है और इसे दुनिया की शीर्ष बैडमिंटन लीगों में गिना जाता है।
प्रीमियर बैडमिंटन लीग में वर्तमान में सात टीमें भाग ले रही हैं। पहले इसमें 9 टीमें थीं। ये टीमें शहर आधारित हैं और इसमें घरेलू एवं विदेशी खिलाड़ियों को अवसर दिया जाता है। पीबीएल की मौजूदा टीमें हैं: दिल्ली डैशर्स, चेन्नई सुपरस्टार्ज, बेंगलुरु रैप्टर्स, हैदराबाद हंटर्स, मुंबई रॉकेट्स, अवध वॉरियर्स, नॉर्थईस्टर्न वॉरियर्स, और पुणे 7 एसेस। लीग में टीमें खिलाड़ियों का चयन नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से करती हैं। किसी भी खिलाड़ी पर अधिकतम 77 लाख रुपए खर्च किए जा सकते हैं।
पुरुष, महिला, डबल्स और मिश्रित डबल्स प्रत्येक वर्ग में मुकाबले आयोजित किए जाते हैं। प्रीमियर बैडमिंटन लीग का आयोजन आमतौर पर दिसंबर और जनवरी के महीनों में होता है।
पीबीएल देश में बैडमिंटन क्रांति का नेता बन चुका है। लीग के माध्यम से खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से सबल मिल रहा है, साथ ही उन्हें अपनी क्षमता प्रदर्शित करने का एक बड़ा मंच भी प्राप्त हो रहा है। कई भारतीय खिलाड़ियों ने पीबीएल के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है, जिनमें सात्विक और चिराग की जोड़ी प्रमुख है। इसके अलावा, पीवी सिंधु, किदांबी श्रीकांत, सायना नेहवाल, एचएस प्रणय, लक्ष्य सेन, और ज्वाला गुट्टा भी इस लीग का हिस्सा रह चुके हैं या अभी भी हैं।
पीबीएल में आने वाले समय में और भी क्रांतिकारी बदलाव होने वाले हैं, जो देश में बैडमिंटन की स्थिति को और मजबूती प्रदान करेंगे।