क्या पृथ्वी शॉ ने महाराष्ट्र के लिए यादगार पदार्पण में शतक लगाया?

सारांश
Key Takeaways
- पृथ्वी शॉ का नया सफर महाराष्ट्र के साथ शुरू हुआ।
- उन्होंने बुची बाबू टूर्नामेंट में शानदार शतक बनाया।
- शॉ ने धैर्य और संयम से खेला।
- यह शतक उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण है।
- शॉ का प्रदर्शन भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत है।
चेन्नई, 19 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पृथ्वी शॉ ने मुंबई को छोड़कर महाराष्ट्र की घरेलू टीम के रूप में अपने नए सफर की शुरुआत की है। मंगलवार को, गुरुनानाक कॉलेज ग्राउंड में छत्तीसगढ़ के खिलाफ खेले गए मैच में शॉ ने एक शानदार शतक बनाया।
पृथ्वी शॉ ने लगातार गिरते विकेटों के बीच एक छोर को मजबूती से संभाला और 44वें ओवर में शतक पूरा किया। शतक पूरा करने के बाद, उन्होंने ज्यादा उत्तेजना नहीं दिखाई बल्कि शांत तरीके से खेलना जारी रखा। इस पारी में उन्होंने धैर्य का दिखावा किया।
महाराष्ट्र के लिए शॉ एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में उभरे हैं। उन्होंने 122 गेंदों पर 14 चौकों और 1 छक्के की मदद से अपना शतक पूरा किया। शॉ ने 141 गेंदों पर 111 रन बनाकर आउट हुए।
यह शतक उनके करियर के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कभी भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य माने गए शॉ का करियर पिछले कुछ वर्षों में लगातार गिरावट में रहा है। भारतीय क्रिकेट टीम से बाहर होने के बावजूद, वह मुंबई के लिए घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की ओर से खेलते रहे।
हाल ही में आईपीएल 2025 के लिए मेगा ऑक्शन में शॉ अनसोल्ड रहे थे, और मुंबई क्रिकेट टीम ने उन्हें अपने रणजी स्क्वाड से ड्रॉप कर दिया। शॉ ने अब महाराष्ट्र के साथ घरेलू क्रिकेट खेलने का निर्णय लिया है। बुची बाबू टूर्नामेंट उनके लिए एक नया अवसर है, और पहले मैच में शतक लगाकर उन्होंने अपनी नई टीम के लिए एक शानदार शुरुआत की है।
भारत के लिए, शॉ ने अपना आखिरी मैच 2021 में खेला था। वह भारत के लिए 5 टेस्ट, 6 वनडे और 1 टी20 खेल चुके हैं। भारत के लिए उनके पदार्पण टेस्ट की पहली पारी में भी उन्होंने शतक बनाया था।