क्या राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक के तीन मसौदों पर खेल मंत्रालय ने जनता से प्रतिक्रिया मांगी?

Click to start listening
क्या राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक के तीन मसौदों पर खेल मंत्रालय ने जनता से प्रतिक्रिया मांगी?

सारांश

युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने तीन मसौदा नियमों के लिए जनता से प्रतिक्रिया मांगी है। ये नियम राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 के कार्यान्वयन को आसान बनाएंगे। जानिए इन नियमों के पीछे का उद्देश्य और कैसे यह भारतीय खेलों के प्रशासन को प्रभावित करेगा।

Key Takeaways

  • राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक का उद्देश्य खेलों के लिए ढांचा तैयार करना है।
  • जनता से प्रतिक्रिया ली जा रही है जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
  • खेल निकायों के लिए नए नियम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे।
  • खेलों में नैतिकता और निष्पक्षता को बढ़ावा मिलेगा।
  • सम्बंधित हितधारकों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 15 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय (एमवाईएएस) ने तीन मसौदा नियम तैयार किए हैं, जिनके लिए जनता से प्रतिक्रिया मांगी गई है। इन तीन मसौदों के नाम हैं- राष्ट्रीय खेल प्रशासन (राष्ट्रीय खेल निकाय) नियम, राष्ट्रीय खेल प्रशासन (राष्ट्रीय खेल बोर्ड) नियम और राष्ट्रीय खेल प्रशासन (राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण) नियम.

ये नियम राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए बनाए गए हैं।

राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 को 11 अगस्त को लोकसभा में पारित किया गया था, और 12 अगस्त को इसे राज्यसभा ने भी पारित कर दिया। 18 अगस्त को इसे राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई।

इस विधेयक का उद्देश्य खेल निकायों के प्रशासन में आ रही चुनौतियों का समाधान करना और भारत में खेलों के प्रशासन के लिए एक व्यापक ढांचे का निर्माण करना है।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रीय खेल प्रशासन (राष्ट्रीय खेल निकाय) नियम का मसौदा उत्कृष्ट योग्यता वाले खिलाड़ियों को शामिल करने, आम सभा और कार्यकारी समिति की संरचना, चुनाव प्रक्रिया और क्षेत्रीय खेल महासंघों के सदस्यों के लिए अयोग्यता मानदंड की रूपरेखा प्रदान करता है।

ये नियम राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल के प्रावधानों को भी दर्शाते हैं। इसके साथ ही, राष्ट्रीय खेल बोर्ड के साथ संबद्ध इकाइयों के पंजीकरण और उनकी समय-समय पर अद्यतन करने की प्रक्रियाओं को भी निर्दिष्ट किया गया है।

राष्ट्रीय खेल प्रशासन (राष्ट्रीय खेल बोर्ड) नियमों का मसौदा राष्ट्रीय खेल बोर्ड की संरचना, कार्य और संचालन को निर्धारित करता है, जिसमें अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति और स्टाफिंग व्यवस्था (सरकारी प्रक्रिया के अनुसार) शामिल है।

वहीं, राष्ट्रीय खेल प्रशासन (राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण) नियमों का मसौदा न्यायाधिकरण के संस्थागत ढांचे को परिभाषित करता है, जो अध्यक्ष, सदस्यों और कर्मचारियों की नियुक्ति, कार्यकाल और सेवा शर्तों को नियंत्रित करता है। ये नियम खेल-संबंधी विवादों के शीघ्र निर्णय के लिए शक्तियों, प्रक्रियाओं और प्रशासनिक तंत्र की रूपरेखा भी पेश करते हैं।

इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य खेल के सभी स्तरों पर नैतिक आचरण और निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करना, खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करना और देश में खेलों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।

मंत्रालय ने 14 नवंबर 2025 तक आम जनता और संबंधित हितधारकों से प्रतिक्रिया और टिप्पणियां मांगी हैं, जिसका प्रारूप युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।

Point of View

मेरा मानना है कि इस विधेयक के मसौदे से खेल प्रशासन में सुधार होगा। खिलाड़ियों के हितों की सुरक्षा और खेलों की निष्पक्षता सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है, और यह विधेयक भारत में खेलों के लिए एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है।
NationPress
15/10/2025

Frequently Asked Questions

राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2025 का उद्देश्य क्या है?
इस विधेयक का उद्देश्य भारत में खेलों के प्रशासन और संवर्धन के लिए एक व्यापक ढांचा स्थापित करना है।
कब तक जनता से प्रतिक्रिया मांगी गई है?
जनता से प्रतिक्रिया 14 नवंबर 2025 तक मांगी गई है।
इन नियमों का मसौदा किसके लिए लागू है?
ये नियम राष्ट्रीय खेल निकायों, राष्ट्रीय खेल बोर्ड और राष्ट्रीय खेल न्यायाधिकरण के लिए लागू हैं।