क्या संजू सैमसन आईपीएस बनना चाहते थे? कांस्टेबल पिता ने क्रिकेटर बनाने के लिए नौकरी छोड़ी
सारांश
Key Takeaways
- संजू सैमसन का आईपीएस बनने का सपना और क्रिकेट में सफलता।
- पिता का त्याग और समर्थन संजू के करियर में महत्वपूर्ण था।
- संजू ने 2013 में आईपीएल में डेब्यू किया।
- उनकी मेहनत ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
- संजू का करियर कई उतार-चढ़ाव से भरा है।
नई दिल्ली, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज संजू सैमसन ने कभी आईपीएस ऑफिसर बनने का सपना देखा था, लेकिन अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने क्रिकेट को अपने करियर के रूप में चुना। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की राजस्थान रॉयल्स टीम की कप्तानी कर चुके संजू ने सीमित ओवरों के क्रिकेट में अपनी खास छाप छोड़ी है।
11 नवंबर 1994 को तिरुवनंतपुरम में जन्मे संजू के पिता सैमसन विश्वनाथ दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल थे। पिता की खाकी वर्दी देखकर संजू ने आईपीएस बनने का मन बनाया था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
संजू अपने पिता के साथ दिल्ली के किंग्सवे कैंप में रहते थे, जहां उन्होंने अन्य बच्चों की तरह गली क्रिकेट खेलना शुरू किया। घर के पास एक सड़क पर खेलते समय एक दिन संजू बोल्ड हो गए।
जब उनके पिता ने पूछा कि वह बोल्ड कैसे हुए, तो संजू ने बताया कि सड़क पर एक गड्ढा था। अगले दिन जब संजू स्कूल से लौटे, तो देखा कि पिता उस गड्ढे को भर रहे हैं। उन्होंने संजू से पूछा, "बेटा, अब तो गड्ढा नहीं है?"
पिता के दोस्तों ने अक्सर कहा कि वह बेकार में बेटे पर मेहनत कर रहे हैं, लेकिन पिता ने अपने सपने को पूरा करने की दृढ़ निश्चय की।
2006 में संजू का दिल्ली अंडर-13 टीम में चयन नहीं हुआ, जिसके बाद पिता ने नौकरी छोड़कर तिरुवनंतपुरम लौटने का फैसला किया। उन्होंने संजू को कड़ी ट्रेनिंग देने का जिम्मा उठाया।
2011 में संजू ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया और 2013 में आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के लिए खेले। उन्होंने अपने पहले सीजन में 11 मैचों में 206 रन बनाए और आईपीएल 2014 में उन्हें 4 करोड़ में रिटेन किया गया।
2015 में संजू को भारत की टी20 टीम में चुना गया और 19 जुलाई 2015 को उन्होंने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला।
संजू ने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उन्होंने हर मौके पर अपना दमखम दिखाया है।
संजू ने 16 वनडे मैचों में 510 रन बनाए हैं, जबकि 51 टी20 मैचों में 995 रन बनाए हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में उन्होंने 3,888 रन बनाए हैं।