क्या श्रीजा अकुला ने डब्ल्यूटीटी कंटेंडर में इतिहास रच दिया है? दृढ़ संकल्प की मिसाल!

Click to start listening
क्या श्रीजा अकुला ने डब्ल्यूटीटी कंटेंडर में इतिहास रच दिया है? दृढ़ संकल्प की मिसाल!

सारांश

क्या आप जानते हैं कि श्रीजा अकुला, जो भारतीय टेबल टेनिस की चमकती हुई सितारे हैं, ने डब्ल्यूटीटी कंटेंडर में एक नया इतिहास रचा है? जानें उनके सफर के बारे में और कैसे उन्होंने अपनी मेहनत से यह उपलब्धि हासिल की।

Key Takeaways

  • श्रीजा का दृढ़ संकल्प और मेहनत उन्हें विशेष बनाता है।
  • उपलब्धियों के लिए लगातार प्रयास आवश्यक हैं।
  • महिला खेलों में भारत की पहचान बढ़ाने में श्रीजा का योगदान महत्वपूर्ण है।
  • समर्पण और अवसर का सही उपयोग सफलता की कुंजी है।
  • श्रीजा का सफर युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारत की महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी श्रीजा अकुला ने अपनी छोटी उम्र में ही अद्भुत उपलब्धियां हासिल की हैं।

श्रीजा का जन्म 31 जुलाई 1998 को हैदराबाद में हुआ। बचपन से ही उन्हें टेबल टेनिस का गहरा शौक था। जब वे केवल नौ वर्ष की थीं, तब उन्होंने सेंट पॉल्स अकादमी में इस खेल की बारीकियां सीखनी शुरू कीं। इसके बाद उन्होंने कोच सोमनाथ घोष के मार्गदर्शन में हैदराबाद के कुकटपल्ली में अपनी ट्रेनिंग जारी रखी।

श्रीजा ने न केवल खेल में, बल्कि अध्ययन में भी उत्कृष्टता प्रदर्शित की। उन्होंने इंटरमीडिएट में 98.7 प्रतिशत अंक प्राप्त किए।

2019 में साउथ एशियन गेम्स में उन्होंने दो स्वर्ण पदक जीते, जिसमें विमेंस डबल्स और विमेंस टीम इवेंट शामिल थे। वे डब्ल्यूटीटी कंटेंडर में सिंगल्स वर्ग का खिताब जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं, जहां उन्होंने फाइनल में चीन की डिंग यिजी को 4-1 से हराया।

इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अप्रैल 2022 में आयोजित 83वीं सीनियर नेशनल एंड इंटर-स्टेट टेबल टेनिस चैंपियनशिप में भी खिताब जीते।

2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स के मिक्स्ड डबल्स में अपने साथी अचंत शरत कमल के साथ स्वर्ण पदक जीता।

उन्हें 2022 में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

जनवरी 2024 में, श्रीजा ने डब्ल्यूटीटी फीडर कॉर्पस क्रिस्टी में अपना पहला डब्ल्यूटीटी एकल करियर खिताब जीता, और मार्च 2024 में डब्ल्यूटीटी फीडर बेरूत II में उनका दूसरा खिताब आया।

जून 2024 में, डब्ल्यूटीटी कंटेंडर लागोस में, अकुला कंटेंडर स्तर पर खिताब जीतने वाली पहली भारतीय बनीं और उन्होंने अर्चना कामथ के साथ महिला युगल का खिताब भी जीता।

श्रीजा ने 2024 पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जहां उन्होंने वर्ल्ड रैंकिंग में 22वां स्थान प्राप्त किया।

अगस्त 2024 में, श्रीजा को स्ट्रेस फ्रैक्चर हो गया, जिसके चलते उन्हें कुछ समय तक खेल से दूर रहना पड़ा। लेकिन उन्होंने शानदार वापसी की और डब्ल्यूटीटी कंटेंडर लागोस-2025 के फाइनल में जगह बनाई। हालांकि, यहां होनोका हशीमोतो से मैच हारने के बाद वे एकल खिताब से चूक गईं।

श्रीजा अकुला दृढ़ संकल्प की मिसाल हैं। उनके शक्तिशाली आत्मविश्वास, तकनीकी सुधार, विनम्रता और लगातार सीखने की प्रवृत्ति ने उन्हें न केवल एक खिलाड़ी, बल्कि एक आदर्श के रूप में भी स्थापित किया है।

Point of View

हम श्रीजा अकुला की उपलब्धियों को गर्व से देखते हैं। वे न केवल उत्कृष्टता की मिसाल हैं, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा भी हैं। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें न केवल राष्ट्रीय, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। हमें आशा है कि वे भविष्य में और भी उच्चतम स्थान पर पहुंचेंगी।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

श्रीजा अकुला का जन्म कब हुआ था?
श्रीजा अकुला का जन्म 31 जुलाई 1998 को हुआ था।
श्रीजा ने कब डब्ल्यूटीटी कंटेंडर में खिताब जीता?
श्रीजा ने डब्ल्यूटीटी कंटेंडर में खिताब 2022 में जीता।
उन्हें किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
उन्हें 2022 में 'अर्जुन अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया।
श्रीजा अकुला ने कितने स्वर्ण पदक जीते हैं?
श्रीजा ने 2019 साउथ एशियन गेम्स में दो स्वर्ण पदक जीते।
श्रीजा का ओलंपिक प्रदर्शन कैसा रहा?
श्रीजा ने 2024 पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए 22वां स्थान हासिल किया।