क्या राजस्थान में सीकर में पहली बार पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप का आयोजन हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- सीकर में पहली बार पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया गया।
- इसमें लगभग 150 दिव्यांग खिलाड़ियों ने भाग लिया।
- मुख्य उद्देश्य दिव्यांग खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करना है।
- समाज में समावेशिता का संदेश फैलाना।
- प्रतियोगिता के अंत में पुरस्कार दिए जाएंगे।
सीकर, 18 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के सीकर में स्थित बढ़ाढर गांव के स्वामी केशवानंद शिक्षण संस्थान में शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया की उपस्थिति में राजस्थान राज्य स्तरीय 9वीं पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप-2025 का उद्घाटन किया गया।
समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथियों और उपस्थित अन्य पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन से की गई। यह पहला मौका है जब सीकर जिले में राज्य स्तरीय पैरा खेलों का आयोजन हो रहा है।
उद्घाटन समारोह में द्रोणाचार्य अवार्डी महावीर प्रसाद सैनी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, दिव्यांग पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सचिव हिम्मत सिंह और अन्य गणमान्य अतिथि एवं खेल प्रेमी उपस्थित रहे। सभी ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और दिव्यांगों के लिए इस आयोजन को समाज में प्रेरणादायक पहल बताया।
आयोजन सचिव रामनिवास ढाका ने जानकारी दी कि इस प्रतियोगिता में राजस्थान के सभी जिलों से लगभग 150 दिव्यांग खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जो विभिन्न आयु वर्गों और श्रेणियों में कुल 106 इवेंट्स में अपना प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग खिलाड़ियों को मेनस्ट्रीम खेलों से जोड़ना, उन्हें प्रोत्साहन देना और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने के अवसर प्रदान करना है। यह न केवल खेल भावना को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि समाज में दिव्यांग खिलाड़ियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और समावेशिता का संदेश भी देगा।
आयोजन सचिव ने कहा कि प्रतियोगिता के अंत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को पुरस्कार दिए जाएंगे। आगामी वर्षों में सीकर में ऐसे आयोजनों को और व्यापक स्तर पर करने की योजना है, ताकि प्रदेश के दिव्यांग खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सशक्त मंच मिल सके।
इस अवसर पर पैरा खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सीकर में पहली बार आयोजित इस पैरा चैंपियनशिप को लेकर उत्साह दिखाया।
दर्शक दीर्घा में उपस्थित लोगों ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया और खेल भावना का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन उत्साह और जोश से भरे माहौल में किया गया। सभी ने एक स्वर में कहा कि इस तरह के आयोजन न केवल खेल को नई दिशा देते हैं, बल्कि समाज में 'सबके लिए समान अवसर' के संदेश को भी सशक्त बनाते हैं।