क्या तैराकी ओलंपिक में शामिल होने वाला रोमांचक खेल है?
सारांश
Key Takeaways
- तैराकी का इतिहास 7000 ईसा पूर्व से है।
- यह 1896 ओलंपिक में शामिल हुआ।
- महिला तैराकों को 1912 से भाग लेने का मौका मिला।
- माइकल फेल्प्स ने 28 ओलंपिक पदक जीते हैं।
- भारत में तैराकी अभी भी विकासशील है।
नई दिल्ली, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। क्या आपको पता है कि तैराकी की उत्पत्ति कब हुई? शायद किसी ने कभी नहीं सोचा होगा कि किसी नदी या तालाब को पार करने का यह साधारण कार्य भविष्य में एक खेल के रूप में विकसित होगा जिसे तैराकी कहा जाएगा। आज यह खेल ओलंपिक जैसे वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना चुका है।
इतिहास पर नजर डालें तो 7000 ईसा पूर्व के गुफा चित्रों में तैराकी के प्रमाण मिलते हैं। प्राचीन मिस्र, ग्रीस और रोम में तैराकी का उपयोग सैन्य प्रशिक्षण, मनोरंजन और स्वास्थ्य के लिए किया जाता था। 19वीं सदी में ब्रिटेन में तैराकी क्लबों की स्थापना हुई। धीरे-धीरे यह खेल 1896 के ओलंपिक में शामिल हुआ। वहीं, महिला तैराकों को 1912 से ओलंपिक में भाग लेने का अवसर मिला।
20वीं सदी में तकनीकी प्रगति हुई, जैसे कि फ्लिपर्स, गॉगल्स और स्पीडो सूट का आगमन। फेडरेशन इंटरनेशनल डी नेटेशन की स्थापना 1908 में हुई थी, जो नियमों का निर्धारण करती है। तैराकी में फ्रीस्टाइल, बैकस्ट्रोक, ब्रेस्टस्ट्रोक और बटरफ्लाई जैसी शैलियों का विकास हुआ। 1896 से अब तक, तैराकी ने 2024 ओलंपिक तक एक समृद्ध विरासत बनाई है।
ओलंपिक खेलों में अमेरिका के माइकल फेल्प्स सबसे सफल तैराक हैं, जिन्होंने कुल 28 पदक जीते हैं, जिनमें 23 स्वर्ण शामिल हैं। वह न केवल तैराकी में, बल्कि किसी भी इवेंट में ओलंपिक इतिहास के सबसे सफल एथलीट हैं।
तैराकी के लिए सबसे बेहतरीन माहौल वाले देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, और सिंगापुर का नाम शामिल है। सिंगापुर ने रियो ओलंपिक में तैराकी में स्वर्ण पदक जीते थे। इसके अलावा, स्वीडन, नीदरलैंड, नॉर्वे, और फिनलैंड में भी तैराकी की लोकप्रियता बढ़ी है।
भारत की बात करें तो, तैराकी अभी भी विकासशील अवस्था में है। देश में स्विमिंग पूल की कमी, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, एक बड़ी बाधा है। स्विमिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया नियमित रूप से राष्ट्रीय चैंपियनशिप आयोजित करता है। भारत सरकार खेलों इंडिया के माध्यम से इस खेल को मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है।