क्या 7 सितंबर को गलती से चंद्रग्रहण देखना चाहिए?

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क्या 7 सितंबर को गलती से चंद्रग्रहण देखना चाहिए?

सारांश

क्या आप जानते हैं कि 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण देखने से क्या परिणाम हो सकते हैं? इस ग्रहण के प्रभाव और उससे जुड़ी विशेष जानकारियों के लिए पढ़ें। जानें कौन सी राशियों पर पड़ेगा शुभ या अशुभ प्रभाव।

Key Takeaways

  • 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा
  • ग्रहण का समय: 9:57 PM से 1:27 AM
  • लाभकारी राशियाँ: मेष, कन्या, धनु
  • अशुभ राशियाँ: मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन
  • ग्रहण देखने से बचें, खासकर अशुभ राशियों के लिए

वाराणसी, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। 7 सितंबर को भारत के हर कोने में चंद्र ग्रहण का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रोफेसर विनय कुमार पांडे ने जानकारी दी है कि यह ग्रहण रात्रि 9:57 बजे शुरू होकर 1:27 बजे तक रहेगा। साढ़े तीन घंटे तक चलने वाला यह ग्रहण पूर्ण ग्रहण से भी अधिक प्रभावी रहेगा और आकाश को पूरी तरह से ढक लेगा।

प्रोफेसर पांडे ने बताया कि चंद्र ग्रहण के दो प्रमुख प्रभाव होते हैं—वैश्विक और व्यक्तिगत। व्यक्तिगत प्रभाव राशि के अनुसार भिन्न-भिन्न होते हैं।

उन्होंने कहा, "7 सितंबर को चंद्र ग्रहण भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होगा। यह चंद्र ग्रहण भारत के सभी हिस्सों में देखा जा सकेगा। काशी में ग्रहण की शुरुआत 9:57 बजे होगी और यह 1:27 बजे तक जारी रहेगा।"

उन्होंने बताया कि मेष, कन्या और धनु राशि वालों के लिए यह ग्रहण लाभकारी रहेगा, जबकि मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए यह अशुभ या कष्टकारी रहेगा।

जो राशियाँ इस ग्रहण के लिए अशुभ मानी जाती हैं, उन्हें इसे देखने से बचना चाहिए। अगर कोई गलती से देख ले, तो ग्रहण मोक्ष स्नान के बाद कांसे के पात्र में चावल रखकर चांदी, सोना, लोहा या तांबे का नाग दान करना शुभ माना जाता है। यह ग्रहण राष्ट्रीय और प्रादेशिक दृष्टि से शुभ संकेतक नहीं है।

उन्होंने आगे कहा, "यह खग्रास ग्रहण है, जिसका मतलब है कि यह पूर्ण ग्रहण से अधिक आकाश के हिस्से को ढक लेगा। यह ग्रहण हमारे देश के लिए बहुत अशुभ नहीं होगा। हालांकि, इसके बाद सूर्य ग्रहण का प्रभाव भी बन रहा है, लेकिन वह भारत में नहीं दिखाई देगा। ऐसे में सूर्य ग्रहण का कोई असर नहीं होगा। खग्रास ग्रहण से कुछ न कुछ अस्थिरता या अव्यवस्था उत्पन्न हो सकती है।"

सूतक काल के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए, लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों के लिए इसमें छूट है। मंदिर में विग्रह स्पर्श वर्जित है।

Point of View

क्योंकि चंद्र ग्रहण का प्रभाव हमारे जीवन पर पड़ सकता है। राशियों के अनुसार इसके शुभ और अशुभ परिणामों को समझना आवश्यक है।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या चंद्र ग्रहण देखना चाहिए?
जो राशियाँ इस ग्रहण के लिए अशुभ मानी जाती हैं, उन्हें इसे देखने से बचना चाहिए।
चंद्र ग्रहण का समय क्या है?
यह ग्रहण 9:57 बजे से शुरू होकर 1:27 बजे तक रहेगा।
ग्रहण के बाद क्या करना चाहिए?
ग्रहण मोक्ष स्नान के बाद कांसे के पात्र में चावल रखकर चांदी, सोना, लोहा या तांबे का नाग दान करना शुभ माना जाता है।
क्या सभी राशियों पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव समान होता है?
नहीं, यह राशि विशेष पर निर्भर करता है। कुछ राशियों के लिए यह लाभकारी है, जबकि अन्य के लिए यह अशुभ है।
सूतक काल में क्या करना चाहिए?
सूतक काल में भोजन नहीं करना चाहिए, लेकिन बच्चों, बुजुर्गों और रोगियों के लिए छूट है।