क्या आषाढ़ माह की अष्टमी पर भगवान विष्णु की पूजा से मिलेगा विशेष लाभ?

सारांश
Key Takeaways
- भगवान विष्णु की पूजा का महत्व
- अष्टमी तिथि पर व्रत का महत्व
- पीले वस्त्र और फल का दान
- ज्ञान की वृद्धि के लिए विद्या की पूजा
- दान से पुण्य की प्राप्ति
नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। 19 जून को आषाढ़ माह का आठवां दिन है, जो कि गुरुवार को पड़ रहा है। इस दिन सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे। पंचांग के अनुसार, 19 जून को अभिजित मुहूर्त सुबह 11:55 से दोपहर 12:50 तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर 02:07 से 03:52 तक रहेगा।
अष्टमी तिथि पर पड़ने वाला यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने की परंपरा भी है। अग्नि पुराण के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति ने काशी में शिवलिंग की स्थापना और तपस्या का उल्लेख किया है, जिससे गुरुवार के दिन भगवान बृहस्पति की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है।
अग्नि पुराण और स्कंद पुराण के अनुसार, गुरुवार को व्रत रखने से धन, समृद्धि, संतान और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। इस व्रत को किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से शुरू किया जा सकता है। इसे 16 गुरुवार तक किया जाना चाहिए। व्रत रखने के लिए इस दिन पीले वस्त्र पहनने, पीले फल और पीले फूलों का दान करने से भी लाभ होता है।
इसके अतिरिक्त, इस दिन विद्या की पूजा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है। गुरुवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और धन का दान करने से पुण्य प्राप्त होता है।
मान्यता है कि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास होता है। इसलिए, गुरुवार को केले के पत्ते की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत करने के लिए सुबह उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें। फिर केले के वृक्ष की जड़ में चने की दाल, गुड़ और मुनक्का चढ़ाकर भगवान विष्णु की पूजा करें। दीपक जलाएं और कथा सुनें। दिन में एक समय भोजन करें, जिसमें पीले रंग के खाद्य पदार्थों का सेवन करें।