क्या अबू आजमी ने मोहन भागवत की मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात को सराहा?

Click to start listening
क्या अबू आजमी ने मोहन भागवत की मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात को सराहा?

सारांश

अबू आजमी ने मोहन भागवत की मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की प्रशंसा की है, लेकिन भाजपा के खिलाफ गंभीर सवाल उठाए हैं। क्या भाजपा वास्तव में सभी धर्मों का सम्मान करती है? जानें इस मुद्दे पर उनका महत्वपूर्ण दृष्टिकोण।

Key Takeaways

  • अबू आजमी ने मोहन भागवत की मुलाकात की सराहना की।
  • उन्होंने भाजपा के नेताओं के बयानों पर सवाल उठाए।
  • सभी धर्मों के प्रति सम्मान का महत्व।
  • चुनाव आयोग पर संदेह व्यक्त किया गया।
  • समाज में संवाद बढ़ाने की आवश्यकता।

मुंबई, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और विधायक अबू आसिम आजमी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत द्वारा मुस्लिम धर्मगुरुओं से की गई मुलाकात की प्रशंसा की है।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से कहा कि मैं मानता हूँ कि आरएसएस विश्व का सबसे बड़ा संगठन है और मुझे खुशी है कि इसके नेता सभी धर्मों के प्रमुखों से संवाद कर रहे हैं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस देश में रहने वाला हर व्यक्ति भारत का नागरिक है। लेकिन, मैं उनसे यह पूछना चाहता हूँ कि क्या इसका मतलब यह है कि भाजपा इस विचारधारा से भिन्न है? यदि ऐसा है, तो भाजपा के मंत्री क्यों कहते हैं कि यहां रहने के लिए मराठी में अजान करनी होगी?

उन्होंने कहा कि गाय के नाम पर मुसलमानों को मारा जा रहा है, मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जा रहे हैं। भाजपा के नेता और कार्यकर्ता इन मुद्दों पर खुलेआम परेशान कर रहे हैं। क्या मोदी सरकार भागवत की बात नहीं सुनती? अगर मोहन भागवत सभी धर्मों के नेताओं का सम्मान करते हैं, तो उन्हें भाजपा के नेताओं से बात करनी चाहिए और कहना चाहिए कि जो भी हो रहा है, वह नीति के खिलाफ है।

उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पहले से ही संदेह के घेरे में है। बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग अन्य राज्यों में भी काम करते हैं। यदि वे रोजगार के लिए कहीं गए हैं, तो चुनाव आयोग उनका नाम मतदाता सूची से काट देगा। यह संदेह की बात है कि जो मतदाता भाजपा को वोट नहीं देने वाले हैं, उनके नाम सूची से हटा दिए जाएंगे। महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में ऐसा हो चुका है। इसका विरोध किया जाएगा। चुनाव आयोग ने अब तक ईमानदारी से काम नहीं किया है, इसलिए यह संदेह है कि बिहार में भाजपा को जीताने के लिए चुनाव आयोग किसी भी हद तक जा सकता है।

Point of View

यह महत्वपूर्ण है कि हम इस बातचीत को सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएं। सभी धर्मों के बीच संवाद को प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि समाज में एकता और समरसता बनी रहे।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

अबू आजमी ने मोहन भागवत की मुलाकात पर क्या कहा?
अबू आजमी ने मोहन भागवत की मुस्लिम धर्मगुरुओं से मुलाकात की सराहना की, लेकिन भाजपा के कुछ बयानों पर सवाल उठाए।
क्या भाजपा सभी धर्मों का सम्मान करती है?
अबू आजमी के अनुसार, भाजपा के कुछ नेताओं के बयानों से ऐसा प्रतीत नहीं होता है।