क्या कृषि, तकनीक और नवाचार से ही आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा?

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क्या कृषि, तकनीक और नवाचार से ही आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार होगा?

सारांश

आधुनिक कृषि तकनीक के माध्यम से महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का आह्वान। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अयोध्या में दीक्षांत समारोह में आत्मनिर्भर भारत के सपने की बात की। उनके अनुसार, जब महिलाएं कृषि और नवाचार से जुड़ेंगी, तभी हम सच्चे अर्थ में आत्मनिर्भर बन सकेंगे।

Key Takeaways

  • महिलाओं की भागीदारी कृषि में आवश्यक है।
  • आत्मनिर्भर भारत के लिए नवाचार की जरूरत है।
  • सीमांत किसानों को शिक्षा का लाभ मिलना चाहिए।
  • कृषि विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना की गई।
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग से कृषि विकास होगा।

अयोध्या, 5 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जब महिलाएं कृषि, तकनीक और नवाचार की धारा से जुड़ेंगी, तभी आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न साकार होगा। वे रविवार को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या के 27वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आयोजित दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को कुल 735 उपाधियां और 28 पदक प्रदान किए गए। इस अवसर पर आंगनबाड़ी केंद्रों को 300 किटें भी दी गईं। राज्यपाल की प्रेरणा से अयोध्या जिला प्रशासन द्वारा बेटियों के स्वास्थ्य संरक्षण के लिए एचपीवी टीकाकरण अभियान शुरू किया गया, जिसके तहत एक सप्ताह में 1000 बेटियों को टीके लगाए जाएंगे। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से कहा कि यह उपाधि केवल सम्मान नहीं, बल्कि उत्तरदायित्व का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “हमारे वैज्ञानिक और शोधार्थी विश्व को बताएं कि भारतीय खेती कितनी वैज्ञानिक है और इसकी तकनीक को वैश्विक पहचान दिलाएं।”

उन्होंने विद्यार्थियों से समाज और किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की दिशा में कार्य करने का आह्वान किया। राज्यपाल ने कहा कि सीमांत किसान हमारी कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, और शिक्षा का सर्वोत्तम प्रयोग उनके जीवन सुधार में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘जय जवान, जय किसान’ केवल नारा नहीं, बल्कि भारत की आत्मा का उद्घोष है। समारोह में उन्होंने महिलाओं के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि आज प्रदेश की महिलाएं घर के साथ-साथ कृषि, नवाचार और उद्यमिता में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की “ड्रोन दीदी” योजना को महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का नया मार्ग बताया।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि यह देश का पहला कृषि विश्वविद्यालय है जिसने नैकमें ए++ ग्रेड हासिल किया है और अब इसे विश्व रैंकिंग की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने अब तक 202 फसलों की नई प्रजातियां विकसित की हैं और वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी तथा थाईलैंड के किंग मोंगकुट इंस्टीट्यूट से अंतरराष्ट्रीय सहयोग स्थापित किया है।

इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय आलू केंद्र, पेरू के महानिदेशक डॉ. साइमन हेक ने भारत को अगली कृषि क्रांति का नेतृत्वकर्ता बताया, वहीं कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने जैविक खेती और सूक्ष्म सिंचाई के प्रसार पर बल दिया। कुलपति डॉ. बिजेंद्र सिंह ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

Point of View

बल्कि यह समाज के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। हमें इस दिशा में आगे बढ़ने की आवश्यकता है, ताकि हम सभी एक समृद्ध और आत्मनिर्भर राष्ट्र बना सकें।
NationPress
05/10/2025

Frequently Asked Questions

आत्मनिर्भर भारत का सपना कैसे साकार होगा?
जब महिलाएं कृषि, तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाएंगी, तब आत्मनिर्भरता संभव होगी।
राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में क्या कहा?
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को बताया कि उपाधि सम्मान के साथ-साथ जिम्मेदारी का प्रतीक है।
क्या योजनाएं महिलाओं की सहायता के लिए उपलब्ध हैं?
प्रधानमंत्री मोदी की 'ड्रोन दीदी' योजना महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का नया मार्ग है।