क्या कुलदीप सेंगर की जमानत पर अफजाल अंसारी ने दयाशंकर सिंह की आलोचना की?

Click to start listening
क्या कुलदीप सेंगर की जमानत पर अफजाल अंसारी ने दयाशंकर सिंह की आलोचना की?

सारांश

गाजीपुर में समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने कुलदीप सेंगर की जमानत पर दयाशंकर सिंह की टिप्पणियों की तीखी आलोचना की है। क्या सत्ता में बैठे लोग सच में न्यायपालिका से ऊपर हैं? जानिए इस विवाद पर पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • अफजाल अंसारी ने कुलदीप सेंगर की जमानत पर दयाशंकर सिंह की आलोचना की।
  • सत्ताधारी पार्टी को न्यायपालिका से ऊपर होने का भ्रम है।
  • अखलाक मामले का उदाहरण देते हुए न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर जोर दिया।
  • अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर सरकार का दृष्टिकोण विवादास्पद है।
  • राजनीतिक बयानबाजी न्यायपालिका की गरिमा को प्रभावित कर सकती है।

गाजीपुर, 26 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी ने उन्नाव रेप केस में दोषी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की जमानत को लेकर उत्तर प्रदेश के मंत्री दयाशंकर सिंह के बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी को यह गलतफहमी है कि वे न्यायपालिका से ऊपर हैं।

अफजाल अंसारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। यह न्यायपालिका है, जो दोषी या बेगुनाह होने का फैसला करती है। क्या मंत्री कोर्ट से बड़े हो गए हैं कि वह ऐसा बयान दे रहे हैं?

अंसारी ने कहा, "जिसको अदालत निर्दोष साबित कर देगी, उसे ये लोग दोषी घोषित कर सकते हैं, लेकिन जिसको दोषी सिद्ध कर दिया जाता है, उन्हें निर्दोष बता देंगे।"

सपा सांसद ने अखलाक मामले का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने उस मुकदमे को वापस लेने का फैसला लिया था, लेकिन अदालत को कहना पड़ा कि यह हत्या का मामला है, इसलिए मुकदमा चलेगा। उन्होंने कहा, "इस सरकार में बैठे हुए लोगों की मानसिकता यह है कि उनके ऊपर लगे मुकदमों में कोई ट्रायल नहीं होगा, लेकिन दूसरे लोगों को मुकदमा न होने पर भी केस बनाकर उसे कोर्ट के माध्यम से दंडित करा देंगे।"

इससे पहले, दयाशंकर सिंह ने दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से कुलदीप सेंगर की जमानत को लेकर दिए फैसले का स्वागत किया था। उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका ने सही काम किया। उन्हें जमानत थोड़ी देर से मिली, लेकिन हम फैसले का स्वागत करते हैं।

अवैध घुसपैठियों के मुद्दे पर अफजाल अंसारी ने कहा कि बिहार में एसआईआर का कार्यक्रम चला। वहां लगभग 64 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए। बिहार के बाद उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया शुरू की गई। घुसपैठियों को लेकर खूब बदनामी की गई, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है।

उन्होंने कहा, "सरकार में बैठे हुए लोग बहुत खुश नजर आ रहे थे और शीर्ष नेतृत्व के लोगों ने भी दावा किया था कि मतदाता सूची में तमाम घुसपैठियों के नाम हैं। यह भी कहा गया कि क्या घुसपैठिए देश में मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री का चुनाव करेंगे। उत्साही राजनेताओं ने यहां तक दावा किया कि उत्तर प्रदेश में डिटेंशन सेंटर बनाए जाएंगे, लेकिन एसआईआर के जरिए भाजपा ने उल्टा अपना पैर कुल्हाड़ी पर मारा है।"

Point of View

NationPress
26/12/2025

Frequently Asked Questions

अफजाल अंसारी ने कुलदीप सेंगर की जमानत पर क्या कहा?
उन्होंने कहा कि कुलदीप सेंगर को कोर्ट ने दोषी ठहराया था और सत्ताधारी पार्टी को न्यायपालिका से ऊपर होने की गलतफहमी है।
दयाशंकर सिंह ने कुलदीप सेंगर की जमानत पर क्या टिप्पणी की?
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका ने सही काम किया और जमानत मिलने में थोड़ी देर हुई।
अफजाल अंसारी ने अवैध घुसपैठियों पर क्या कहा?
उन्होंने बताया कि बिहार में 64 लाख लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए और यह प्रक्रिया 12 राज्यों में शुरू की गई।
Nation Press