क्या अहमदाबाद में वस्त्राल हिंसा और रामोल लूट का मुख्य आरोपी संग्राम सिंह गिरफ्तार हो गया?

सारांश
Key Takeaways
- संग्राम सिंह की गिरफ्तारी से स्थानीय अपराधों में कमी आने की संभावना है।
- पुलिस की तत्परता से हिंसक घटनाओं पर काबू पाया जा सकता है।
- स्थानीय लोग अब अधिक सुरक्षित महसूस कर सकते हैं।
अहमदाबाद, 12 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। वस्त्राल क्षेत्र में मार्च में घटित हुई हिंसक घटना का मुख्य आरोपी और हाल ही में रामोल में 50 लाख रुपये की लूट में शामिल कुख्यात अपराधी संग्राम सिंह उर्फ राकेश सिंह सिकरवार को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने उसे पकड़ने के दौरान गोली चलाई, जिससे वह घायल हो गया। वर्तमान में उसका उपचार अस्पताल में चल रहा है।
पुलिस के अनुसार, संग्राम सिंह वस्त्राल का निवासी है, परंतु वह मूल रूप से मध्य प्रदेश के ग्वालियर का निवासी है। वह एक संगठित अपराधी गिरोह का सरगना है और अपने हिंसक स्वभाव के लिए जाना जाता है।
उसके खिलाफ कुल नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 143-149 (सामूहिक हिंसा), 385-386 (जबरन वसूली), 302 (हत्या), 307 (गैर-इरादतन हत्या का प्रयास), 365 (अपहरण) जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, निषेध अधिनियम (पीएएसए) और ग्राम पुलिस अधिनियम के तहत भी मामले दर्ज हैं। पुलिस ने बताया कि संग्राम को कई बार जेल भेजा जा चुका है।
वस्त्राल हिंसा 13 मार्च को होली के दिन हुई थी। यह एक स्ट्रीट फूड स्टॉल को लेकर पंकज भवसर और संग्राम सिंह के बीच दुश्मनी का परिणाम था। संग्राम ने पंकज को स्टॉल लगाने से रोका था, जिसके बाद पंकज ने अपने साथियों के साथ संग्राम की तलाश में वस्त्राल आरटीओ रोड पर बवाल मचाया।
भीड़ ने तलवारें, लाठियां और चाकू लहराते हुए दुकानों को बंद करवा दिया, सड़क को अवरुद्ध किया और वाहनों में तोड़फोड़ की। इस हिंसा में तीन लोग घायल हुए और तीन वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
घटना का वीडियो वायरल होने के बाद रामोल पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई। अब तक इस मामले में 18 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन संग्राम फरार था। क्राइम ब्रांच ने जुलाई में तीन अन्य आरोपियों को पकड़ा था, लेकिन संग्राम की तलाश जारी थी।