क्या अहमदाबाद में 'आई लव मोहम्मद' पोस्टर के साथ निकाली गई रैली समुदाय का हक है?

सारांश
Key Takeaways
- रैली का उद्देश्य एकता और सद्भावना का संदेश फैलाना था।
- कानपुर में विवादित पोस्टर ने पूरे देश में हलचल मचाई है।
- रैली पूरी तरह से शांतिपूर्ण रही और कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
- पुलिस की मौजूदगी ने रैली को सुरक्षित बनाया।
- समुदाय के भीतर सामंजस्य बढ़ाने के लिए यह रैली आयोजित की गई थी।
अहमदाबाद, २६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। गुजरात के अहमदाबाद में शुक्रवार को मुस्लिम समुदाय ने ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर और बैनर के साथ एक रैली का आयोजन किया। इस रैली में युवाओं के साथ-साथ छोटे बच्चों ने भी भाग लिया।
रैली की शुरुआत जमालपुर गेट से हुई और यह खमासा तक गई। रैली में शामिल लोगों के हाथों में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखे पोस्टर और बैनर थे, जिसका उद्देश्य समुदाय में एकता और सद्भावना का संदेश देना था। यह रैली शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित की गई और इस दौरान कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
इस अवसर पर पुलिस भी मौजूद थी और पूरे मार्ग में सुरक्षा व्यवस्था संभाली। पुलिस की सक्रियता ने सुनिश्चित किया कि रैली के दौरान कोई असामाजिक गतिविधि या तनाव न उत्पन्न हो। स्थानीय निवासियों ने भी बताया कि रैली का माहौल शांतिपूर्ण और अनुशासित था।
रैली के दौरान राष्ट्र प्रेस से बातचीत करते हुए खादिम अली नामक युवक ने कहा, ‘आई लव मोहम्मद’ कहना या पोस्टर लगाना हमारा संवैधानिक अधिकार है। कानपुर में जो ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर को लेकर एफआईआर दर्ज की गई, वह पूरी तरह से गलत और अनुचित है। हम इस रैली के माध्यम से सिर्फ प्रेम और सद्भावना का संदेश देना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘आई लव मोहम्मद’ कहने में आपत्ति क्या है?
आयोजनकर्ताओं ने बताया कि यह कार्यक्रम समुदाय में सामंजस्य बढ़ाने, सामाजिक सद्भाव और एकता के संदेश को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। रैली समाप्त होने के बाद सभी प्रतिभागी शांति से अपने-अपने घर लौट गए।
बता दें कि कानपुर में ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टर का विवाद अब पूरे देश में फैल चुका है। गुजरात ही नहीं, बल्कि देश के लगभग हर कोने में मुस्लिम समुदाय इस तरह की रैलियों का आयोजन कर रहा है।