क्या एयर इंडिया प्लेन क्रैश में मिले ब्लैक बॉक्स की जांच जारी है?

सारांश
Key Takeaways
- एयर इंडिया का बोइंग ड्रीमलाइनर 787 विमान क्रैश हुआ है।
- 270 से अधिक लोग इस दुर्घटना में मारे गए।
- कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) की जांच चल रही है।
- जांच प्रक्रिया में एएआईबी और एनटीएसबी शामिल हैं।
- इस डेटा का विश्लेषण विमानन सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
नई दिल्ली, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। केंद्र सरकार ने गुरुवार को जानकारी दी कि अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग ड्रीमलाइनर 787 विमान की दुर्घटना स्थल से प्राप्त कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) के डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।
नागर विमानन मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि ब्लैक बॉक्स से जुड़ी सभी प्रक्रिया घरेलू कानूनों और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों के अनुसार समयबद्ध तरीके से पूरी की गई है।
एयर इंडिया की फ्लाइट एआई-171 की दुखद दुर्घटना के बाद, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने तुरंत जांच शुरू की और मानदंडों के अनुसार 13 जून 2025 को एक बहु-विषयक टीम का गठन किया।
इस टीम का नेतृत्व एएआईबी के महानिदेशक कर रहे हैं और इसमें एक विमानन देखभाल विशेषज्ञ, एक एटीसी अधिकारी और नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (एनटीएसबी) के प्रतिनिधि शामिल हैं।
सीवीआर और एफडीआर दोनों को सफलतापूर्वक बरामद कर लिया गया है। पहला रिकॉर्डर 13 जून 2025 को दुर्घटना स्थल पर इमारत की छत से मिला, जबकि दूसरा 16 जून 2025 को मलबे से प्राप्त हुआ।
मंत्रालय ने बताया, "सीवीआर और एफडीआर के सुरक्षित संचालन, भंडारण और परिवहन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई थी। इन उपकरणों को अहमदाबाद में चौबीसों घंटे पुलिस सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी में रखा गया।"
इसके बाद, 24 जून 2025 को पूरी सुरक्षा के साथ भारतीय वायुसेना के विमान द्वारा ब्लैक बॉक्स को अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया।
फ्रंट ब्लैक बॉक्स को 24 जून 2025 को 14:00 बजे एएआईबी के महानिदेशक के साथ दिल्ली की एएआईबी लैब में लाया गया। रियर ब्लैक बॉक्स दूसरी एएआईबी टीम द्वारा 24 जून 2025 को 17:15 बजे दिल्ली की एएआईबी लैब में लाया गया।
मंत्रालय के अनुसार, "एएआईबी के डीजी के नेतृत्व में एएआईबी और एनटीएसबी के तकनीकी सदस्यों ने 24 जून 2025 की शाम को डेटा निष्कर्षण प्रक्रिया प्रारंभ की। फ्रंट ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (सीपीएम) को सुरक्षित रूप से निकाला गया और 25 जून 2025 को मेमोरी मॉड्यूल तक सफलतापूर्वक पहुंचा गया।"
मंत्रालय ने कहा, "सीवीआर और एफडीआर डेटा का विश्लेषण जारी है। इन प्रयासों का उद्देश्य दुर्घटना के कारणों का पता लगाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा उपायों को मजबूत करना है।"
इस एयर क्रैश में 270 से अधिक लोग मारे गए थे, जिनमें 241 यात्री और चालक दल के सदस्य शामिल थे।