क्या अलास्का में हुई बैठक पुतिन के लिए सफल रही? : रक्षा विशेषज्ञ रोविंदर सचदेव

सारांश
Key Takeaways
- बैठक में कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला।
- रूस के लिए यह बैठक सफल रही।
- भारत के लिए सकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
- ट्रंप और पुतिन के बीच संबंधों में सुधार की संभावना।
- युद्ध के लंबा खिंचने से चीन का रूस के प्रति झुकाव।
नई दिल्ली, 16 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 'रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्ति' पर अलास्का में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन हुआ। यह बैठक लगभग तीन घंटे तक चली, लेकिन इसमें युद्ध समाप्ति के संदर्भ में कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकल सका। इस बैठक को लेकर रक्षा विशेषज्ञ रोविंदर सचदेव ने कहा कि यह रूस के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता रही।
रोविंदर सचदेव ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में बताया कि अलास्का में हुई यह बैठक वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है। यह बैठक पुतिन के लिए सकारात्मक रही, जबकि ट्रंप के लिए सफलता नहीं कह सकते हैं, जो भारत के लिए एक शुभ संकेत है।
उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच सीजफायर या शांति का फॉर्मूला पहले बनाना आवश्यक है। पुतिन का कहना है कि पहले शांति का फॉर्मूला बनाना होगा, इसके बाद ही वह सीजफायर पर सहमत होंगे। दूसरी ओर, यूक्रेन, यूरोप और अमेरिका की मांग है कि पहले युद्धविराम हो, फिर शांति का फॉर्मूला तैयार किया जाए।
यह बैठक दो महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित थी: पहला, रूस-अमेरिका के रिश्तों को सामान्य करना और दूसरा, यूक्रेन-रूस में सीजफायर स्थापित करना। यदि यह बैठक सकारात्मक परिणाम देती है, तो भारत पर लगने वाले 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ हट सकते हैं। शांति का फॉर्मूला जेलेंस्की की सहमति पर निर्भर करेगा, चाहे वह अमेरिका के दबाव में हो या रूस के। यह एक प्रकार से रूस की जीत मानी जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह बैठक भारत के हित में भी लाभदायक रही है। अब भारत पर तेल पर प्रतिबंध बढ़ने की संभावना कम है। जैसे-जैसे यह युद्ध लंबा चलेगा, चीन रूस के करीब होता जा रहा है। ट्रंप ने संकेत दिया कि भविष्य में जेलेंस्की भी बातचीत में शामिल हो सकते हैं। यह ट्रंप के लिए आवश्यक है, अन्यथा यदि चीन हस्तक्षेप करता है, तो यह अमेरिका के लिए और समस्या पैदा कर सकता है। बैठक के बावजूद रूस पर प्रतिबंध लगाने की चर्चा नहीं हुई, जिसे पुतिन की एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।