क्या अमेरिका ने यूनेस्को से अपनी वापसी की घोषणा की?

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क्या अमेरिका ने यूनेस्को से अपनी वापसी की घोषणा की?

सारांश

अमेरिका ने यूनेस्को से अपनी वापसी की घोषणा की है, जिसमें यूनेस्को को 'विभाजनकारी' बताकर अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का आश्वासन दिया गया है। यह कदम राष्ट्रपति ट्रंप के कार्यकाल का एक और महत्वपूर्ण मोड़ है। जानें इस निर्णय के पीछे की वजह और उसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • अमेरिका ने यूनेस्को से अपनी वापसी की घोषणा की है।
  • इस निर्णय के पीछे इजरायल विरोधी नीतियाँ हैं।
  • यूनेस्को में अमेरिका की भागीदारी राष्ट्रीय हितों के खिलाफ मानी गई।
  • अमेरिका का योगदान अब 8 प्रतिशत रह गया है।
  • यह कदम बहुपक्षवाद के सिद्धांतों के खिलाफ है।

संयुक्त राष्ट्र, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका ने यूनेस्को से अपनी वापसी की घोषणा की है। मंगलवार को विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि यूनेस्को "विभाजनकारी सामाजिक और सांस्कृतिक मुद्दों" को बढ़ावा दे रहा है और सतत विकास पर अत्यधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है।

यह अमेरिका का यूनेस्को से बाहर निकलने का दूसरा मौका है, जबकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में ऐसा हो रहा है। अमेरिका दो साल पहले अपने पूर्ववर्ती जो बाइडेन के समय में इसमें फिर से शामिल हुआ था।

ब्रूस ने बताया कि यह वापसी अगले साल के अंत में प्रभावी होगी।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यूनेस्को का वैश्विक, वैचारिक एजेंडा अमेरिका प्रथम विदेश नीति के विपरीत है और अमेरिका की नैशनल इंटरेस्ट के लिए यूनेस्को में भागीदारी उचित नहीं है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि अमेरिका की यूनेस्को में महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए, उनकी वापसी पर गहरा खेद है।

ट्रंप प्रशासन का एक मुख्य मुद्दा यूनेस्को की इजरायल विरोधी नीतियों से संबंधित है, जो अमेरिका के लिए समस्याग्रस्त हैं।

ब्रूस ने कहा, "फिलिस्तीन राज्य" को सदस्यता देने का यूनेस्को का निर्णय अत्यधिक विवादास्पद है। यह अमेरिकी नीति के खिलाफ है और संगठन के भीतर इजरायल विरोधी बयानबाजी को बढ़ावा देता है।

अमेरिका का यूनेस्को से बाहर होना ट्रंप द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की आलोचना के अनुरूप है। कार्यभार संभालने के तुरंत बाद, उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका को अलग कर लिया।

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने कहा कि अमेरिका का यह निर्णय बहुपक्षवाद के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है, और इससे अमेरिका में कई साझेदार प्रभावित हो सकते हैं।

अजोले ने कहा, "हालांकि यह खेदजनक है, लेकिन इस घोषणा की उम्मीद थी, और यूनेस्को ने इसके लिए तैयारी कर ली है।"

2023 में अमेरिका का यूनेस्को को योगदान 28 मिलियन डॉलर था, जो संगठन के बजट का 22 प्रतिशत था।

अजोले ने बताया कि आज, बड़ी संख्या में सदस्य देशों और निजी योगदानकर्ताओं के समर्थन से संगठन वित्तीय दृष्टि से बेहतर संरक्षित है, जिससे अमेरिकी योगदान घटकर 8 प्रतिशत रह गया है।

Point of View

जो उसकी राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा को दर्शाता है। यूनेस्को में भागीदारी की नीति में बदलाव से स्पष्ट होता है कि अमेरिका अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को पुन: परिभाषित करने की दिशा में बढ़ रहा है।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

यूनेस्को से अमेरिका की वापसी का कारण क्या है?
यूनेस्को को 'विभाजनकारी' और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाला बताया गया है।
क्या अमेरिका ने पहले भी यूनेस्को से वापसी की थी?
हाँ, यह अमेरिका की यूनेस्को से बाहर निकलने का दूसरा मौका है।
अमेरिका का यूनेस्को से बाहर होना किस तरह का प्रभाव डालेगा?
यह निर्णय अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय संबंधों और उसकी नीति पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।