क्या प्रख्यात नृत्यांगना अमला शंकर का सफर 11 वर्ष की आयु में शुरू हुआ था?

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क्या प्रख्यात नृत्यांगना अमला शंकर का सफर 11 वर्ष की आयु में शुरू हुआ था?

सारांश

अमला शंकर, एक प्रख्यात नृत्यांगना, ने 11 वर्ष की उम्र में नृत्य की दुनिया में कदम रखा। उनके योगदान ने भारतीय नृत्य को वैश्विक पहचान दिलाई। जानें उनकी यात्रा और कला की अनूठी कहानी।

Key Takeaways

  • अमला शंकर ने 11 वर्ष की आयु में नृत्य की दुनिया में कदम रखा।
  • उन्होंने अपने पति उदय शंकर के साथ भारतीय नृत्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
  • उनका योगदान भारतीय फ्यूजन नृत्य को वैश्विक पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण रहा।
  • अमला ने न केवल नृत्य में, बल्कि चित्रकला में भी अपनी प्रतिभा दिखाई।
  • उन्हें 2011 में 'बंगा विभूषण' पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मुंबई, 23 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय नृत्य जगत की प्रसिद्ध नृत्यांगना अमला शंकर ने भारतीय फ्यूजन नृत्य को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपने पति और महान नर्तक उदय शंकर के साथ मिलकर उन्होंने भारतीय नृत्य को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। 101 वर्ष की आयु में 24 जुलाई 2020 को कोलकाता में उनका निधन हो गया था, लेकिन उनकी कला और विरासत आज भी जीवित है।

अमला शंकर का जन्म 27 जून 1919 को जेस्सोर (अब बांग्लादेश) में हुआ। उनके पिता अक्षय कुमार नंदी स्वर्ण व्यापारी थे और वे चाहते थे कि उनकी बेटी अच्छी शिक्षा प्राप्त करे। इसके लिए उन्होंने अमला को रवींद्रनाथ टैगोर और माइकल मधुसूदन दत्त जैसे महान साहित्यकारों से परिचित कराया। 11 वर्ष की आयु में, 1931 में, अमला अपने पिता के साथ पेरिस में अंतर्राष्ट्रीय औपनिवेशिक प्रदर्शनी में पहुंची थीं, जहां उनकी मुलाकात उदय शंकर और उनके परिवार से हुई।

उदय उस समय 30 वर्ष के थे और उन्होंने अमला की प्रतिभा को पहचाना और उन्हें नृत्य के लिए प्रोत्साहित किया। उनकी पहली प्रस्तुति 1931 में बेल्जियम में ‘कालिया दमन’ में कालिया के रूप में थी। 1930 के दशक में, जब महिलाओं का सार्वजनिक मंच पर नृत्य करना सामान्य नहीं माना जाता था, अमला ने उदय शंकर के साथ मिलकर नृत्य की दुनिया में कदम रखा। 1942 में उदय से विवाह के बाद, दोनों ने मिलकर अनेक यादगार प्रस्तुतियां दीं। उनके दो बच्चे, संगीतकार आनंद शंकर और अभिनेत्री-नृत्यांगना ममता शंकर ने भी कला जगत में अपनी पहचान बनाई।

अमला शंकर ने न केवल वैश्विक मंच पर प्रस्तुति दी, बल्कि उन्होंने फिल्म में भी काम किया। उन्होंने अपने पति की फिल्म ‘कल्पना’ (1948) में उमा के किरदार में अभिनय किया। इस फिल्म की कहानी एक नर्तक की है, जो हिमालय में नृत्य अकादमी स्थापित करने के लिए संघर्ष करती है। इस फिल्म की 2012 में कान्स फिल्म फेस्टिवल में स्क्रीनिंग हुई, जहां 92 वर्ष की आयु में अमला ने रेड कार्पेट पर गरिमामय उपस्थिति दर्ज कराई।

अमला ने उदय शंकर की नृत्य शैली, जिसमें भरतनाट्यम, कथकली, कथक, मणिपुरी और लोक नृत्यों का मिश्रण था, को जीवित रखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उदय शंकर के निधन (1977) के बाद, उन्होंने अपनी बेटी ममता और बहू तनुश्री शंकर के साथ ‘शंकर घराना’ को आगे बढ़ाया। वह 90 वर्ष की आयु तक सक्रिय रहीं और उनकी अंतिम प्रस्तुति ‘सीता स्वयंवर’ में थी।

अमला ने न केवल भारतीय नृत्य को वैश्विक मंच पर ले जाने में मदद की, बल्कि महिलाओं के लिए नृत्य को एक सम्मानजनक पेशे के रूप में स्थापित करने में भी योगदान दिया। अमला की बहुमुखी प्रतिभा नृत्य तक सीमित नहीं थी, वह चित्रकला में भी निपुण थीं। उनकी कला का उपयोग ‘लाइफ ऑफ बुद्ध’ और ‘रामलीला’ जैसे नृत्य नाटकों में हुआ।

अमला शंकर की उपलब्धियों के लिए, पश्चिम बंगाल सरकार ने 2011 में उन्हें ‘बंगा विभूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया। यह पुरस्कार उनकी कला के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए था।

Point of View

यह कहना उचित है कि अमला शंकर ने नृत्य की दुनिया में न केवल अपनी कलात्मकता से, बल्कि अपने साहस से भी एक नई दिशा दिखाई है। उनका योगदान भारत के सांस्कृतिक धरोहर में अनमोल है। हम सभी को उनकी उपलब्धियों पर गर्व होना चाहिए।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

अमला शंकर का जन्म कब हुआ था?
अमला शंकर का जन्म 27 जून 1919 को जेस्सोर, बांग्लादेश में हुआ था।
अमला शंकर ने किस फिल्म में काम किया था?
अमला शंकर ने अपने पति उदय शंकर की फिल्म 'कल्पना' में काम किया था।
अमला शंकर की अंतिम प्रस्तुति कब थी?
अमला शंकर की अंतिम प्रस्तुति 'सीता स्वयंवर' में थी।
अमला शंकर को कौन सा पुरस्कार मिला था?
अमला शंकर को 2011 में 'बंगा विभूषण' पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
अमला शंकर ने किस शैली में नृत्य किया?
अमला शंकर ने उदय शंकर की नृत्य शैली, जिसमें भरतनाट्यम, कथकली, और लोक नृत्य शामिल थे, में नृत्य किया।