क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 16 से 18 अक्टूबर तक बिहार का दौरा करेंगे?

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क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 16 से 18 अक्टूबर तक बिहार का दौरा करेंगे?

सारांश

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान एनडीए उम्मीदवारों की रैलियों को संबोधित करने के साथ ही, चुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे। यह दौरा बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है।

Key Takeaways

  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बिहार दौरा महत्वपूर्ण है।
  • एनडीए उम्मीदवारों की नामांकन रैलियों का आयोजन।
  • बिहार विधानसभा चुनाव में सीट बंटवारे का नया फॉर्मूला।
  • भाजपा और जदयू बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
  • राजनीतिक जानकारों के अनुसार, यह साझेदारी का नया संदेश है।

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 16 से 18 अक्टूबर तक बिहार के अपने तीन दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान, वह एनडीए उम्मीदवारों की नामांकन रैलियों को संबोधित करेंगे और आगामी चुनावों की रणनीति बनाने के लिए बिहार भाजपा नेताओं के साथ बैठकें करेंगे।

एनडीए गठबंधन ने तय किया है कि 15 से 18 अक्टूबर तक पूरे बिहार में उम्मीदवारों के नामांकन होंगे। इसके लिए राज्य को अलग-अलग जोन में बांटा गया है। नामांकन के दिन हर जिले में एनडीए के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।

विभिन्न राज्यों के एक दर्जन से ज्यादा मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री भी नामांकन कार्यक्रमों में शामिल होंगे। एनडीए ने इन चार दिनों के सघन प्रचार और समन्वय के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है।

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय कर लिया है। फॉर्मूले के तहत, भाजपा और जदयू इस बार 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। वहीं, एनडीए के सहयोगी दलों को 41 सीटें दी गई हैं।

सहयोगी दलों में लोजपा (रामविलास) को 29 सीटें, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) को 6-6 सीटें दी गई हैं। इस बार भाजपा और जदयू दोनों बराबर सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।

इससे पहले, 2020 के विधानसभा चुनाव में जदयू 115 सीटों पर, भाजपा 110 सीटों पर और अन्य सहयोगी दल 18 सीटों पर चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में भाजपा ने 74 सीटों पर और जदयू ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसके अलावा, सहयोगी दल 8 सीट जीतने में कामयाब रहे थे।

हालांकि, 2025 में भाजपा और जदयू के बीच 101-101 सीटों का बराबर बंटवारा हुआ है। इस बदलाव से यह साफ है कि भाजपा बिहार की राजनीति में अब जूनियर पार्टनर नहीं रही। राजनीतिक जानकारों की मानें तो यह बराबरी का फॉर्मूला चुनावी मैदान में दोनों दलों के बीच समान साझेदारी का संदेश देगा।

Point of View

मैं मानता हूँ कि अमित शाह का यह दौरा बिहार में राजनीतिक परिदृश्य को बदलने की क्षमता रखता है। एनडीए का मजबूत उम्मीदवारों का चयन और सीट बंटवारे की रणनीति यह दर्शाती है कि भाजपा और जदयू के बीच की साझेदारी में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है।
NationPress
13/10/2025

Frequently Asked Questions

अमित शाह का बिहार दौरा कब है?
अमित शाह का बिहार दौरा 16 से 18 अक्टूबर तक है।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य एनडीए उम्मीदवारों की रैलियों को संबोधित करना और चुनावी रणनीति पर चर्चा करना है।
एनडीए के सहयोगी दलों को कितनी सीटें मिली हैं?
एनडीए के सहयोगी दलों को 41 सीटें दी गई हैं।
भाजपा और जदयू कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे?
भाजपा और जदयू दोनों 101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
कौन से अन्य नेता इस कार्यक्रम में शामिल होंगे?
एक दर्जन से ज्यादा मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री भी नामांकन कार्यक्रमों में शामिल होंगे।