क्या सीबीआई ने अनिल अंबानी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर भी आरोपी हैं?

सारांश
Key Takeaways
- सीबीआई ने अनिल अंबानी ग्रुप के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।
- इस मामले में यस बैंक और राणा कपूर भी आरोपी हैं।
- सरकारी फंड के दुरुपयोग का मामला सामने आया है।
- अनिल अंबानी और राणा कपूर के बीच साजिश का खुलासा हुआ है।
- यह मामला वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।
मुंबई, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों के खिलाफ कार्यवाही की है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुंबई की विशेष अदालत में अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियों और यस बैंक के बीच हुए धोखाधड़ी से संबंधित दो मामलों में चार्जशीट दाखिल की है।
सीबीआई के अनुसार, इस मामले में अनिल अंबानी ग्रुप की कंपनियां रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (आरसीएफएल) और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (आरएचएफएल) शामिल हैं। दूसरी ओर, यस बैंक और राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदू कपूर, और बेटियां राधा कपूर और रोशनी कपूर की स्वामित्व वाली कंपनियों को आरोपी बनाया गया है। राणा कपूर उस समय यस बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ थे।
अनिल अंबानी एडीए ग्रुप के चेयरमैन थे और वे आरसीएफएल और आरएचएफएल की होल्डिंग कंपनी रिलायंस कैपिटल लिमिटेड के निदेशक भी रहे।
जानकारी के अनुसार, यस बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी की शिकायत पर 2022 में यस बैंक के तत्कालीन प्रबंध निदेशक और सीईओ राणा कपूर और आरसीएफएल, आरएचएफएल तथा अन्य के खिलाफ दो आपराधिक मामले दर्ज किए गए थे।
जांच में यह सामने आया है कि केयर रेटिंग्स द्वारा एडीए ग्रुप की वित्तीय कंपनियों की खराब वित्तीय स्थिति के बावजूद, राणा कपूर की मंजूरी से यस बैंक ने 2017 में आरसीएफएल के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर और कमर्शियल लोन में लगभग 2045 करोड़ रुपये और आरएचएफएल के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर और कमर्शियल पेपर में 2965 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह निवेश बाद में कई स्तरों से निकाला गया, जिससे सरकारी पैसे के दुरुपयोग का पता चला।
जांच में राणा कपूर और अनिल अंबानी के बीच एक साजिश का खुलासा हुआ, जिसमें राणा कपूर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यस बैंक के भारी सरकारी फंड को एडीए ग्रुप की कंपनियों में लगाया, जबकि एडीए ग्रुप ने राणा कपूर के परिवार की कंपनियों को रियायती लोन और निवेश देकर इसका बदला लिया।
इसके बदले में एडीए ग्रुप के तत्कालीन चेयरमैन अनिल अंबानी ने राणा कपूर के परिवार की घाटे में चल रही कंपनियों को रियायती दरों पर आरसीएफएल और आरएचएफएल से क्रेडिट सुविधा दिलाई। ये कंपनियां बिंदू कपूर (पत्नी), राधा कपूर और रोशनी कपूर (बेटियां) के नाम पर थीं।
इस धोखाधड़ी से यस बैंक को 2796.77 करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ और आरसीएफएल, आरएचएफएल एवं एडीए ग्रुप की अन्य कंपनियों को अवैध लाभ मिला।
अनिल अंबानी के निर्देश पर रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड (रिलायंस कैपिटल लिमिटेड की एक अन्य सब्सिडियरी कंपनी) ने 2017-18 में राणा कपूर के परिवार की एक और कंपनी, मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर में 1160 करोड़ रुपये का निवेश किया।
इसके अलावा, रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड ने यस बैंक के एडीए ग्रुप के 249.80 करोड़ रुपये के डिबेंचर भी खरीदे।
रिलायंस निप्पॉन म्यूचुअल फंड ने यस बैंक के अनसिक्योर्ड डेट इंस्ट्रूमेंट (एटी1 बॉंड) में 1750 करोड़ रुपये का निवेश किया। इन हाई रिस्क, हाई रिटर्न बॉंड की कोई निश्चित मैच्योरिटी डेट नहीं थी और संकट की स्थिति में इन्हें इक्विटी में बदला जा सकता था या पूरी तरह से खत्म भी किया जा सकता था।
जांच में यह भी पाया गया कि राणा कपूर, अनिल अंबानी, बिंदू कपूर, राधा कपूर, रोशनी कपूर, आरसीएफएल, आरएचएफएल (अब ऑथम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड), आरएबी एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड, इमेजिन एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, ब्लिस हाउस प्राइवेट लिमिटेड, इमेजिन हैबिटैट प्राइवेट लिमिटेड, इमेजिन रेजिडेंस प्राइवेट लिमिटेड और मॉर्गन क्रेडिट्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच पीसी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत साजिश की गई थी। सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है।