क्या अनुराधा पौडवाल ने लता मंगेशकर की आवाज सुनकर अपनी गायकी में किया सुधार?

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क्या अनुराधा पौडवाल ने लता मंगेशकर की आवाज सुनकर अपनी गायकी में किया सुधार?

सारांश

अनुराधा पौडवाल ने बिना औपचारिक प्रशिक्षण के अपने अद्भुत गायन कौशल को निखारा है। उनकी आवाज में मिठास और शक्ति हर उम्र के दर्शकों को प्रभावित करती है। जानिए उनकी यात्रा और लता जी के प्रभाव के बारे में।

Key Takeaways

  • अनुराधा पौडवाल का असली नाम अलका नाडकर्णी है।
  • उन्होंने बिना औपचारिक प्रशिक्षण के अपनी कला को विकसित किया।
  • उनके गाने हर उम्र के लोगों में लोकप्रिय हैं।
  • उन्होंने 554 से अधिक फिल्मों में गाने गाए हैं।
  • उनकी आवाज में विशेष मिठास है।

मुंबई, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बॉलीवुड सिंगिंग के क्षेत्र में कई ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने अपनी अवाज से लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया है। लेकिन कुछ ऐसे हैं, जिन्होंने बिना किसी औपचारिक प्रशिक्षण के अपनी कला में अद्भुतता दिखाई है। अनुराधा पौडवाल ऐसे ही अद्भुत सितारों में से एक हैं। उनकी आवाज में एक अलग मिठास और शक्ति है। उनके गाए गाने हर उम्र के लोगों को भाते हैं। अनुराधा ने अपनी सिंगिंग का हुनर लता मंगेशकर की आवाज को सुन-सुनकर निखारा है, और आज वे बॉलीवुड की सबसे प्रिय गायिकाओं में गिनी जाती हैं।

अनुराधा पौडवाल का जन्म 27 अक्टूबर 1954 को कर्नाटक के कारवार जिले में हुआ था, परंतु उनका बचपन मुंबई में गुजरा। उनका असली नाम अलका नाडकर्णी था, जिसे उन्होंने विवाह के बाद अनुराधा पौडवाल रखा। बचपन में ही उन्हें संगीत का शौक था, लेकिन किसी भी क्लासिकल ट्रेनिंग का अवसर नहीं मिला। उन्होंने लता मंगेशकर के गानों को सुनकर अपनी कला को निखारा। यही कारण है कि उनकी आवाज में एक विशेष गहराई और मिठास है, जो सबको भाती है।

उनके करियर की शुरुआत फिल्म 'अभिमान' से हुई, जिसमें उन्होंने जया भादुरी के लिए एक श्लोक गाया। हालांकि यह एक छोटा गाना था, लेकिन इसके जरिए उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद उनका करियर तेजी से बढ़ा और लगभग हर बड़ी फिल्म में उनकी आवाज सुनाई देने लगी। 'जानेमन', 'उधार का सिंदूर', 'लैला मजनू', 'सरगम', 'एक ही रिश्ता' जैसी कई फिल्मों में उनके गाने सुपरहिट हुए।

उन्होंने 1990 के दशक में फिल्म 'आशिकी', 'दिल है कि मानता नहीं', और 'बेटा' जैसी फिल्मों के लिए गाने गाए और लगातार तीन बार फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते। उन्होंने अपने करियर के दौरान यह साबित किया कि बिना क्लासिकल ट्रेनिंग के भी मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन से कोई भी कलाकार अपनी पहचान बना सकता है। उनका रियाज का तरीका भी अद्वितीय था। वे लता मंगेशकर के गानों को सुनकर अपनी आवाज में सुधार करती थीं और धीरे-धीरे उनका रियाज इतना शानदार हो गया कि लोग उनकी आवाज को सुनते ही पहचान जाते थे।

अनुराधा पौडवाल ने अपने करियर में लगभग 554 फिल्मों में गाने गाए हैं। उन्होंने केवल हिंदी नहीं, बल्कि पंजाबी, मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगु और नेपाली भाषाओं में भी अपनी आवाज दी। उनका हर गाना दर्शकों के दिल में बस गया। उन्होंने भक्ति गीतों की दुनिया में भी अपनी विशेष पहचान बनाई।

उनके पति अरुण पौडवाल एसडी बर्मन के सहायक संगीतकार थे। उनके निधन के बाद और टी-सीरीज के संस्थापक गुलशन कुमार की हत्या के बाद, अनुराधा ने तय किया कि अब वे केवल भक्ति गीत गाएंगी। उनकी बेटी कविता पौडवाल भी उनकी तरह भक्ति गीतों की गायिका बन गईं। अनुराधा ने हमेशा अपनी कला और जीवन को संतुलित रखा।

Point of View

बल्कि यदि सही मार्गदर्शन और प्रेरणा मिले, तो कोई भी कलाकार अपने सपनों को साकार कर सकता है।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

अनुराधा पौडवाल का असली नाम क्या है?
अनुराधा पौडवाल का असली नाम अलका नाडकर्णी है।
अनुराधा ने अपने करियर की शुरुआत कब की थी?
अनुराधा ने अपने करियर की शुरुआत फिल्म 'अभिमान' से की थी।
अनुराधा पौडवाल ने कितनी भाषाओं में गाना गाया है?
अनुराधा ने हिंदी के अलावा पंजाबी, मराठी, बंगाली, तमिल, तेलुगु और नेपाली भाषाओं में भी गाने गाए हैं।
क्या अनुराधा ने फिल्मफेयर अवार्ड जीते हैं?
हाँ, उन्होंने लगातार तीन बार फिल्मफेयर अवार्ड जीते हैं।
अनुराधा पौडवाल की गाने की विशेषता क्या है?
उनकी आवाज में मिठास और गहराई है, जो हर किसी को भाती है।