क्या भाजपा के साथ गठबंधन स्वाभाविक है, असम में यह बरकरार रहेगा?

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क्या भाजपा के साथ गठबंधन स्वाभाविक है, असम में यह बरकरार रहेगा?

सारांश

असम विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही, एजीपी के प्रमुख अतुल बोरा ने भाजपा के साथ अपने गठबंधन को 'स्वाभाविक' बताया है। वे क्षेत्रीय राजनीतिक ताकतों को मजबूत करने के लिए आगे बढ़ने की योजना बना रहे हैं। जानिए इस राजनीतिक घटनाक्रम की विस्तृत जानकारी!

Key Takeaways

  • भाजपा के साथ एजीपी का गठबंधन स्वाभाविक है।
  • आने वाले विधानसभा चुनावों में क्षेत्रीय ताकतों को मजबूत करने की योजना।
  • परिसीमन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
  • मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के रूप में कांग्रेस को देखा जा रहा है।
  • एजीपी का एनडीए के साथ संबंध जारी रहेगा।

गुवाहाटी, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। असम विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत, असम गण परिषद (एजीपी) के अध्यक्ष और राज्य मंत्री अतुल बोरा ने बुधवार को कहा कि आने वाले महीने राज्य में क्षेत्रीय राजनीतिक ताकतों को मजबूती प्रदान करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा के साथ पार्टी का गठबंधन एक "स्वाभाविक तालमेल" है और भविष्य में यह संबंध बनाए रखा जाएगा।

पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बोरा ने कहा कि एजीपी अपनी संगठनात्मक गतिविधियों को तेज करने और आत्मनिर्भर असम के अपने विजन को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। उन्होंने बताया कि पार्टी पूरे राज्य में जमीनी स्तर पर सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए संस्था-निर्माण और घरेलू स्तर पर आय सृजन के लिए कई कार्यक्रम शुरू करेगी।

बोरा ने यह भी बताया कि एजीपी महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले अपनी संगठनात्मक उपस्थिति और राजनीतिक प्रासंगिकता को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

एक मजबूत राजनीतिक दृष्टिकोण अपनाते हुए, एजीपी प्रमुख ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए को पार्टी का मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना। असम आंदोलन की याद करते हुए, उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में थी, तब आंदोलन के दौरान 855 लोगों की जान गई थी। बोरा ने कहा, "इसी कारण से, यूपीए हमारा मुख्य दुश्मन रह गया है," और दोहराया कि एजीपी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ मजबूत खड़ी है।

उन्होंने बताया कि एजीपी 2020 से एनडीए का एक अभिन्न हिस्सा रही है और लगातार इसके साथ मिलकर चुनाव लड़ती रही है। बोरा ने याद दिलाया कि एजीपी और भाजपा ने मिलकर 2016 के विधानसभा चुनाव लड़े, जिसके परिणामस्वरूप एनडीए ने असम में सरकार बनाई थी, और फिर से 2021 के चुनाव भी एक साथ लड़े गए।

परिसीमन के मुद्दे पर, बोरा ने कहा कि यह प्रक्रिया अब पूरी हो चुकी है, जबकि विधानसभा सीटों की कुल संख्या 126 ही बनी हुई है। उन्होंने बताया कि बड़े पैमाने पर घुसपैठ के कारण असम में महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुए हैं और कहा कि परिसीमन लंबे समय से एजीपी की मुख्य मांग रही है। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार ने परिसीमन किया है, और राजनीतिक रूप से यह हमारे पक्ष में रहा है।"

Point of View

खासकर क्षेत्रीय ताकतों के बीच।
NationPress
31/12/2025

Frequently Asked Questions

एजीपी और भाजपा का गठबंधन क्यों महत्वपूर्ण है?
एजीपी और भाजपा का गठबंधन असम में क्षेत्रीय राजनीतिक ताकतों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे दोनों पार्टियों को चुनावी लाभ मिल सकता है।
परिसीमन का क्या महत्व है?
परिसीमन असम में जनसांख्यिकीय परिवर्तन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो राजनीतिक रूप से एजीपी के लिए लाभकारी साबित हो सकता है।
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