क्या अगस्त में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियां 17.5 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं, पीएमआई 59.3 पर?

सारांश
Key Takeaways
- मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अगस्त में 59.3 पर पहुंच गया है।
- 17.5 वर्षों में सबसे अधिक उत्पादन वृद्धि दर्ज की गई है।
- नए ऑर्डर्स की आवक जारी है।
- रोजगार में वृद्धि लगातार अठारहवें महीने हो रही है।
- अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर्स में धीमी वृद्धि देखी गई है।
मुंबई, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अगस्त में निरंतर गति बनी रही, जिसके परिणामस्वरूप एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेसिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अगस्त में बढ़कर 59.3 हो गया, जो कि जुलाई में 59.1 था। यह जानकारी एसएंडपी ग्लोबल द्वारा सोमवार को साझा की गई।
अगस्त में दर्ज की गई मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 17.5 वर्षों में सबसे अधिक है, जो देश में मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में तीव्र सुधार को दर्शाती है। इस वृद्धि का मुख्य कारण उत्पादन की बढ़ती मात्रा है।
एचएसबीसी के मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, "उत्पादन में तेज विस्तार के चलते भारत की मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई अगस्त में एक नई ऊंचाई पर पहुंच गई है।"
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि जुलाई की तरह, अगस्त में नए ऑर्डर्स का आना जारी रहा, जो कि 57 महीनों का उच्चतम स्तर था। अगस्त में बिक्री और आउटपुट में सबसे मजबूत प्रदर्शन इंटरमीडिएट गुड्स श्रेणी का रहा, उसके बाद कैपिटल और कंज्यूमर गुड्स का प्रदर्शन भी अच्छा रहा।
रिपोर्ट के अनुसार, इनपुट स्टॉक में वृद्धि हुई, जबकि तैयार उत्पादों का भंडार नौ महीनों में पहली बार बढ़ा। अंतरराष्ट्रीय ऑर्डरों में धीमी वृद्धि देखी गई, जो पिछले पांच महीनों में सबसे कम रही। कंपनियों को एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका से ऑर्डर्स प्राप्त हुए हैं।
अगस्त में कंपनियों ने अतिरिक्त सामग्रियों की खरीद में तेजी लाई और रोजगार के नए अवसर पैदा किए, जो आंशिक रूप से व्यावसायिक परिदृश्य के प्रति आशावाद से प्रेरित था।
विकास दर 16 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई, जो दीर्घकालिक औसत से काफी ऊपर है। भारतीय निर्माताओं ने भी अपने कार्यबल का विस्तार जारी रखा, और अगस्त में लगातार अठारहवें महीने रोजगार में वृद्धि हुई है। हालाँकि रोजगार सृजन नवंबर 2024 के बाद से अपनी सबसे कम गति पर आ गया, फिर भी यह ऐतिहासिक रूप से मजबूत बना रहा।