क्या औरंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम 'छत्रपति संभाजीनगर' रखा गया है?
सारांश
Key Takeaways
- छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का निर्णय ऐतिहासिक है।
- नया स्टेशन कोड सीपीएसएन होगा।
- यह निर्णय महाराष्ट्र की ऐतिहासिक विरासत को मान्यता देता है।
- नाम परिवर्तन पर राजनीतिक चर्चा हो रही है।
- यह कदम क्षेत्रीय गौरव को बढ़ावा देता है।
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण मध्य रेलवे ने एक ऐतिहासिक कदम'छत्रपति संभाजीनगर' करने का निर्णय लिया है। यह बदलाव नांदेड़ मंडल के प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा स्वीकृत किया गया है। नए स्टेशन का कोड सीपीएसएन होगा।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस स्टेशन को अब 'छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन' के नाम से जाना जाएगा। इसका नामकरण राज्य और देश की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को मान्यता देने के उद्देश्य से किया गया है।
दक्षिण मध्य रेलवे ने इस सूचना को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर साझा किया। पोस्ट में लिखा गया, 'औरंगाबाद रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर रेलवे स्टेशन कर दिया गया है।'
स्टेशन के सभी टिकटिंग, बोर्ड, ऑनलाइन और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स में इसका नाम और नया कोड सीपीएसएन अपडेट किया जाएगा।
यह जानकारी दी गई है कि महाराष्ट्र सरकार ने 15 अक्टूबर को जारी एक राजपत्र अधिसूचना में इस बदलाव को मंजूरी दी थी। अब भारतीय रेल ने इसे औपचारिक रूप से लागू कर दिया है।
राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले इस निर्णय पर राजनीतिक चर्चा भी हो रही है।
यह कदम 2023 में औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने के बाद उठाया गया है। शहर और स्टेशन, दोनों का नाम परिवर्तन महाराष्ट्र की ऐतिहासिक विरासत और छत्रपति संभाजी महाराज की स्मृति से जुड़ा हुआ है। कई लोग मानते हैं कि यह नाम परिवर्तन क्षेत्रीय गौरव और सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
ध्यान देने वाली बात है कि इस शहर का नाम पहले मुगल सम्राट औरंगजेब के नाम पर था। अब इसका नया नाम छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र और मराठा राज्य के दूसरे शासक छत्रपति संभाजी के नाम पर रखा गया है। 1900 में हैदराबाद के सातवें निजाम, मीर उस्मान अली खान के शासनकाल में औरंगाबाद रेलवे स्टेशन खोला गया था।