क्या अयोध्या में ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां भव्य हैं?

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क्या अयोध्या में ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां भव्य हैं?

सारांश

अयोध्या में ध्वजारोहण समारोह की भव्यता और अद्वितीय तैयारियों का विवरण। अतिथियों की सेवा, धार्मिक अनुष्ठान, और भोजन व्यवस्था की सम्पूर्ण जानकारी। इस समारोह में पूजन की विधियों की महत्वता को समझें।

Key Takeaways

  • ध्वजारोहण समारोह की भव्यता और धार्मिक महत्व।
  • अतिथियों के लिए विशेष भोजन व्यवस्था
  • वेदिक पूजन की विधियों का पालन।
  • समाज में एकता का प्रतीक।
  • सीता रसोई का योगदान।

अयोध्या, 21 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह को सफल और भव्य बनाने के लिए तैयारियां अपने चरम पर हैं। अतिथियों के सत्कार से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों तक, हर व्यवस्था को अत्यंत सूक्ष्मता से संचालित किया जा रहा है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से आमंत्रित आगंतुकों के लिए सात स्थानों पर आठ भोजनालय स्थापित किए गए हैं, जहाँ लाखों पानी की बोतलों सहित संपूर्ण सेवाओं की व्यवस्था की गई है। इन भोजनालयों में जलपान के उपरांत अतिथियों को गोल्फ कोर्स होते हुए कार्यक्रम स्थल भेजा जाएगा।

सीता रसोई के संचालक एवं विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह “पंकज” ने बताया कि सीता रसोई के अलावा देशभर में अन्न सेवा करने वाले भक्त संगठन भी भोजनालयों में सहयोग दे रहे हैं। कारसेवकपुरम्: सीता रसोई व अमृतसर के दुर्ग्याना मंदिर द्वारा 2-2.5 हजार क्षमता रामसेवकपुरम्: सीता रसोई द्वारा 800-1000 क्षमता कार्यशाला परिसर: जम्मू-कश्मीर, कटरा स्थित हनुमान मंदिर की ओर से प्रसाद वितरण (संख्या निर्धारित नहीं) कनक महल: लखनऊ के नीरज द्वारा 1000 क्षमता तीर्थक्षेत्रपुरम्: लखनऊ के नीरज व पूर्व मेयर ऋषिकेश उपाध्याय के दो भोजनालय, कुल लगभग 2500 क्षमता तीर्थक्षेत्र भवन: वाराणसी के सूर्यकांत जालान “कानू भाई” द्वारा 800-1000 क्षमता अंगद टीला: हरियाणा कैथल के भक्तों व सीता रसोई द्वारा प्रसाद वितरण।

यह सभी भोजनालय आगंतुकों को निर्बाध, गरिमामय व सहज सेवाएं प्रदान करेंगे। ध्वजारोहण कार्यक्रम के प्रथम दिवस पूजन की शुरुआत गुरुवार को आयोजित भव्य कलश यात्रा के बाद शुक्रवार से ध्वजारोहण कार्यक्रम के प्रथम चरण के रूप में वैदिक पूजन-अर्चन की शुरुआत हुई। विभिन्न आचार्यों ने पूर्ण वैदिक विधि से देवताओं का आवाहन किया और कई महत्वपूर्ण अनुष्ठान संपन्न कराए। पूजन क्रम में गणपति पूजन, पंचांग पूजन, षोडष मातृका पूजन, मंडप प्रवेश पूजन, योगिनी पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, वास्तु पूजन, नवग्रह पूजन एवं रामभक्त मंडल सहित सभी पूज्य मंडलों का आवाहन पूजन सम्पन्न हुआ।

इसके बाद अरणि मंथन से अग्निकुंड में अग्नि स्थापना की गई। यजमान डॉ. अनिल मिश्र ने अपनी अर्द्धांगिनी के साथ पूजन किया। मुख्य आचार्य चंद्रभान शर्मा, उपाचार्य रविंद्र पैठणे, यज्ञ ब्रह्मा पंकज शर्मा सहित अन्य आचार्यों ने कार्यक्रम संपन्न कराया। पूजन व्यवस्था प्रमुख आचार्य इंद्रदेव मिश्र व आचार्य पंकज कौशिक के निर्देशन में सभी अनुष्ठान सफलतापूर्वक पूर्ण हुए। अतिथियों की आरामदायक व्यवस्था और वैदिक विधानों की निरंतरता इस ऐतिहासिक ध्वजारोहण कार्यक्रम को विशिष्ट और गरिमामय बना रही है।

Point of View

बल्कि यह संस्कृति और समाज को एक साथ लाने का अवसर भी प्रदान करती हैं। जब हम इस तरह के आयोजन देखते हैं, तो यह समझ में आता है कि हमारे समाज में एकजुटता और आस्था का कितना महत्व है।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

ध्वजारोहण समारोह कब आयोजित किया जा रहा है?
ध्वजारोहण समारोह 21 नवंबर को अयोध्या में आयोजित किया जा रहा है।
कौन से भोजनालय अतिथियों के लिए खोले गए हैं?
सात स्थानों पर आठ भोजनालय स्थापित किए गए हैं।
इस समारोह में कौन-कौन से धार्मिक अनुष्ठान होंगे?
गणपति पूजन, नवग्रह पूजन, और अन्य महत्वपूर्ण अनुष्ठान होंगे।
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