क्या अयोध्या में सपा के 'पीडीए महासम्मेलन' के दौरान कुर्सी के लिए हंगामा हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- अयोध्या में सपा के पहले 'पीडीए महासम्मेलन' में हंगामा हुआ।
- कार्यकर्ताओं के बीच मंच पर बैठने को लेकर विवाद था।
- अखिलेश यादव ने कार्यक्रम को लेकर बधाई दी।
- सम्मेलन का उद्देश्य 'सामाजिक न्याय' और 'पिछड़े वर्ग' की भागीदारी था।
- समाजवादी पार्टी की आंतरिक राजनीति पर सवाल उठे।
अयोध्या, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के पहले 'पीडीए महासम्मेलन' में शनिवार को जोरदार हंगामासपा सांसद अवधेश प्रसाद मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उनके आगमन से पहले, मंच पर बैठने को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच विवाद
इस कार्यक्रम का केंद्र बिंदु 'सामाजिक न्याय' और 'पिछड़े वर्ग' की भागीदारी था, लेकिन मंच पर अनुशासनहीनता की दृश्यतानाराज
कुछ दिन पहले, अखिलेश यादव ने राज्यभर के सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को संविधान और आरक्षण पर पीडीए महापंचायत या सम्मेलन आयोजित करने का निर्देश दिया था। उसी निर्देश के तहत अयोध्या में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ।
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस कार्यक्रम को लेकर बधाई और शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "समस्त पीडीए समाज को 'आरक्षण दिवस' और 'संविधान-मान स्तंभ स्थापना दिवस' के साथ ही अयोध्या में आयोजित पहले 'पीडीए महासम्मेलन' की अपार सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ।"
अखिलेश यादव ने आगे कहा, "भारत के संविधान की प्रति के सानिध्य में 'संविधान-मान स्तंभ स्थापना दिवस' आयोजित करके हम 'सामाजिक न्याय', 'समता-समानता' और 'आरक्षण' की रक्षा का संकल्प दोहरा रहे हैं। यह हमारी मूल भावना है कि 'संविधान-मान स्तंभ' वास्तव में 'पीडीए-प्रकाश स्तंभ' के रूप में हमारे 'सामाजिक न्याय के राज' की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करता रहे। जब संविधान बचेगा, तभी आरक्षण बचेगा। संविधान ही ढाल है, संविधान ही कवच है।"