क्या बालासोर आत्मदाह मामले में एबीवीपी का आरोप सही है?

सारांश
Key Takeaways
- बालासोर आत्मदाह मामला में एबीवीपी ने गिरफ्तारी की निंदा की।
- गिरफ्तारी को राजनीतिक साजिश का हिस्सा बताया गया।
- छात्रा ने विभागाध्यक्ष के यौन उत्पीड़न का विरोध किया था।
- एबीवीपी ने न्याय के लिए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।
- निष्पक्ष जांच की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
भुवनेश्वर/बालासोर, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने बालासोर में एक कॉलेज छात्रा के आत्मदाह की घटना के दौरान उनकी सहायता करने वाले दो छात्रों की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। छात्र संगठन का आरोप है कि ये गिरफ्तारियां असली दोषियों को बचाने और संस्थागत विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए एक गहरी राजनीतिक साजिश का हिस्सा हैं।
एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में, एबीवीपी ने पुलिस की कार्रवाई को अत्यधिक पक्षपातपूर्ण बताया है, जिसमें पीड़िता के सहपाठियों को विपरीत सबूतों के बावजूद देर रात गिरफ्तार किया गया। उनका कहना है कि इसका उद्देश्य कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) की प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक छात्र शाखाओं से जुड़े लोगों को बचाना है।
एबीवीपी का कहना है कि छात्रा ने यह कदम विभागाध्यक्ष के यौन उत्पीड़न, कॉलेज प्रशासन और प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक संगठनों से संबंधित छात्र नेताओं के मानसिक उत्पीड़न और चरित्र हनन के कारण उठाया। संगठन ने यह भी कहा कि उनकी बार-बार की गई अपीलों के बावजूद, कॉलेज प्रशासन और पुलिस की लापरवाही ने छात्रा को निराशा की स्थिति में धकेल दिया, जिसके परिणामस्वरूप उसने आत्मदाह कर लिया।
छात्र संगठन के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. वीरेंद्र सिंह सोलंकी ने निष्पक्ष और गहन जांच की मांग दोहराई। उन्होंने कहा, "चरित्र हनन और मानसिक प्रताड़ना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे उनका पद कुछ भी हो या वे किसी भी पार्टी से जुड़े हों। ऐसा करने से लोगों को न्याय मिलेगा और भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी।"
एबीवीपी की ओडिशा पूर्व प्रांत सचिव कुमारी दीप्तिमयी प्रतिहारी ने कहा कि एबीवीपी जांच में पूरा सहयोग देने के लिए तैयार है, लेकिन अगर उसके कार्यकर्ताओं को परेशान किया जाता रहा या झूठे मामलों में फंसाया जाता रहा तो वह चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा, "ओडिशा पुलिस को पीड़िता को बदनाम करने वाले राजनीतिक तत्वों को बचाना बंद करना चाहिए। उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, पुलिस ने उसे बचाने का प्रयास करने वाले एबीवीपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। यह अधिकारियों की विफलता और पूर्वाग्रह को दिखाता है।"
एबीवीपी ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा अन्याय जारी रहा, तो वह अपना आंदोलन तेज करेगी।