क्या बांग्लादेश में फरवरी में चुनाव कराने की मुहम्मद यूनुस की घोषणा पर राजनीतिक दल बंट गए?

सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश का राजनीतिक माहौल अस्थिर है।
- बीएनपी ने चुनाव तारीख का स्वागत किया है।
- एनसीपी ने चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।
- मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने फरवरी 2026 के चुनाव का इरादा जताया।
- जुलाई चार्टर का कार्यान्वयन आवश्यक है।
ढाका, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश के कई प्रमुख राजनीतिक दलों ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस द्वारा आम चुनावों की तारीख की घोषणा पर असहमति जताई है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने रमजान से पहले चुनाव कराने के निर्णय का स्वागत किया है। वहीं, नेशनल सिटिजन्स पार्टी (एनसीपी) ने निष्पक्ष और स्वीकार्य चुनाव कराने पर संदेह व्यक्त किया है।
प्रमुख बांग्लादेशी अखबार जुगंतोर ने बीएनपी के नेता सलाहुद्दीन अहमद के हवाले से कहा, "कई लोगों ने चुनाव कार्यक्रम को लेकर झिझक जताई थी। मुख्य सलाहकार की घोषणा के साथ झिझक अब दूर हो गई है। हमें उम्मीद है कि अगला चुनाव निष्पक्ष, स्वतंत्र और दुनिया में सबसे ज्यादा प्रशंसित होगा। बीएनपी पूरे देश और लोगों से तैयारी करने का आह्वान करती है।"
एनसीपी ने चुनाव पर मुख्य सलाहकार की घोषणा पर असंतोष जताते हुए कहा कि जुलाई चार्टर के लागू होने से पहले यह फैसला नहीं लिया जाना चाहिए था।
पार्टी ने कहा, "बिना किसी स्पष्ट सुधार और जुलाई चार्टर के कार्यान्वयन के राष्ट्रीय चुनावों की एकतरफा घोषणा जुलाई की आकांक्षाओं के विपरीत है।"
एनसीपी की वरिष्ठ संयुक्त संयोजक सामंथा शर्मिन ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए, निष्पक्ष और स्वीकार्य चुनाव की कल्पना करना मुश्किल है।
उन्होंने कहा, "एनसीपी के गठन के बाद से, एक पार्टी चुनाव की तारीखों पर चर्चा करने पर अड़ी रही है। अस्पष्ट बयान दे रही है, जिससे मूल मुद्दों पर ध्यान देने से परहेज किया जा रहा है। लेकिन, सिर्फ तारीख की घोषणा करने से चुनाव निष्पक्ष होंगे या नहीं, इस पर कोई असर नहीं पड़ता। राष्ट्रीय चुनावों से पहले जुलाई चार्टर का पूर्ण कार्यान्वयन जरूरी है।"
मुहम्मद यूनुस ने मंगलवार को कहा था कि वह रमजान से पहले, फरवरी 2026 में आम चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखेंगे।
उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि आम सहमति के आधार पर राजनीतिक दल जल्द ही जुलाई चार्टर पर हस्ताक्षर करेंगे और इसके कार्यान्वयन पर भी सहमति बनाएंगे।"
पिछले साल हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को गिराए जाने के बाद से बांग्लादेश अगले आम चुनावों को लेकर अनिश्चितता की स्थिति में है।
हसीना को हटाने के लिए यूनुस के साथ सहयोग करने वाली पार्टियां अब सुधार प्रस्तावों और अगले चुनावों के समय को लेकर आपस में भिड़ गई हैं।